तीतर बरनी बादरी, बिधवा काजर रेख।
वह बरसै वह घर करे, कहै भड्डरी देख।
भावार्थ- भड्डरी कहते हैं कि यदि आकाश में तीतर के रंग की अर्थात् भूरी बदरी उठे और विधवा आँखों में काजल लगाये तो समझो कि बादल बिना बरसे नहीं जायेगा और स्त्री दूसरे पुरुष के साथ घर कर लेगी।
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