तीतिर बरनीं बादरी, रहै गगन पर छाय।
कहै घाघ सुनु भड्डरी, बिन बरसे ना जाय।।
भावार्थ- यदि तीतर पक्षी के रंग के अर्थात् भूरे बादल आकाश में छायें तो घाघ कहते हैं कि हे भड्डरी! बिना बरसे वे नहीं जायेंगे।
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