मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 22 जुलाई को अपने प्रोजेक्ट ‘रिस्पना पुनर्जीवीकरण’ का शुभारम्भ करेंगे। इसके तहत रिस्पना को सदानीरा बनाने के लिये 2.50 लाख पौधे रोपे जाएँगे। मुख्यमंत्री ने लोगों से इस महाअभियान से जुड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन ब्रिटेन की टेम्स नदी की तर्ज पर हम भी अपने राज्य की रिस्पना और कोसी को सँवार लेंगे।
शुक्रवार को अपने ब्लॉग में मुख्यमंत्री ने नदियों के महत्व पर रोशनी डालते हुए कई गम्भीर विषयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि कभी सदानीरा की तरह बहने वाली नदी अब गन्दे नाले में तब्दील हो चुकी है। जिस दिन से मुख्यमंत्री के रूप में मुझे इस राज्य की सेवा का मौका मिला, मेरे मन में यह सवाल बार-बार उठता रहा कि आखिर रिस्पना की ये दुर्दशा हुई क्यों। इसके लिये हम सब बराबर जिम्मेदार हैं। रिस्पना को बचाने के संकल्प में सबसे पहले हमारे दिमाग में यह बात थी कि पौधरोपण के जरिए ही इसे बचाया जा सकता है। रिस्पना की तरह अल्मोड़ा की कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के संकल्प पर भी आगे बढ़ते जा रहे हैं। मात्र एक घंटे में कोसी के तट पर एक लाख 67 हजार 755 पौधे रोपे गये। इस कीर्तिमान को जल्द ही लिम्का बुक अॉफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा।
देहरादून में कल ढाई लाख पौधे रोपे जाएँगे
‘रिस्पना टू ऋषिपर्णा’ अभियान के तहत रविवार को रिस्पना किनारे ढाई लाख पौधे रोपे जाएँगे। प्रशासन ने दावा किया कि इसके तहत डेढ़ लाख पौधे स्कूलों को वितरित कर दिये गये हैं। जबकि गैर सरकारी संगठन और सरकारी विभाग एक लाख पौधे रोपेंगे। नोडल अफसर सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल ने बताया कि शहर के 416 स्कूल इस अभियान में शामिल हैं।
कैबिनेट मंत्रियों ने मनाया हरेला पर्व पौधे रोपे
हरेला पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने सुभाषनगर ईदगाह के पास पौधेरोपण किया। वहीं एमडीडीए के सहयोग से धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने जोगीवाला स्थित करन नर्सरी में पौधरोपण किया, वहीं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शुक्रवार को सहसपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट अॉफ मेडिकल सांइसेज में हरेला मनाया।
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