जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली, 06 जनवरी। दिल्ली जल बोर्ड ने सावदा घेवरा, राजनगर और दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में पायलट परियोजना के रूप में वाटर एटीएम की स्थापना की है। दिल्ली जल बोर्ड की दिल्ली में ऐसे 500 एटीएम चरणबद्ध तरीके से स्थापित करने की योजना है। इन वाटर एटीएम की वहाँ के क्षेत्र के निवासियों ने भी सराहना की है।
टाटा पावर के अधीन आने वाले क्षेत्र के निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिम भागों में वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट सहित आरओ स्थापित करन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के साथ सहयोग करने का प्रस्ताव किया है।
यह दिल्ली जल बोर्ड और टाटा पॉवर का स्वच्छ भारत अभियान और पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने की सरकार और कारपोरेट की भागीदारी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।
उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और टाटा पावर के अधिकारियों की उपस्थिति में विजय कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड और प्रवीर सिन्हा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टाटा पावर डीडीएल ने आपसी सहमति के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर जंग ने अपनी खुशी जताते हुए टाटा पॉवर डीडीएल और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा साथ मिलकर शहर में जल आपूर्ति तन्त्र को सुदृढ़ बनाने के कार्य की सराहना की। इस सरकारी और कारपोरेट सहभागिता द्वारा समाज को लाभ पहुँचाने के नए क्षेत्रों को तलाशने में सहायता मिलेगी।
दिल्ली जल बोर्ड ने टाटा पॉवर डीडीएल की इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि शहर को जल उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और ऐसी पहल दिल्ली जल बोर्ड के जल वितरण तन्त्र में अनियोजित क्षेत्रों को शामिल करने के जनादेश में मदद देती है। टाटा पॉवर डीडीएल मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारियों के तहत् आने वाले कार्यों में दिल्ली जल बोर्ड के योगदान के लिए आभार जताया।
निवासियों के घर के समीप पेयजल की 24 घण्टों की उपलब्धता से क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य और जीवनयापन की स्थिति में सुधार आएगा। इसके द्वारा क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति में भी सुधार आएगा। इससे पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी-झोपड़ी समूह, गाँवों की लगभग पाँच लाख निवासी लाभान्वित होंगे।
वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट से क्षेत्र के निवासियों को निरन्तर पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। आपसी सहमति के ज्ञापन में वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट के साथ कुल 100 आरओ चरणबद्ध तरीके से लगाए जाएँगे। मार्च, 2015 तक 10 और वर्ष 2016 में 45 और 2017 में 45 ऐसे और संयन्त्र लगाए जाएँगे। इनकी मूल लागत और परिचालन-अनुरक्षण लागत का वहन टाटा पॉवर द्वारा किया जाएगा और दिल्ली जल बोर्ड इसके लिए भूमि, कच्चा जल उपलब्ध कराएगा।
टाटा पॉवर वॉटर डिस्पेंसिंग यूनिट द्वारा पानी की गुणवत्ता के लिए उत्तरदायी होंगे जबकि दिल्ली जल बोर्ड वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट और आरओ से उपलब्ध जल की गुणवत्ता की लगातार निगरानी की जाएगी।
टाटा पावर के अधीन आने वाले क्षेत्र के निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिम भागों में वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट सहित आरओ स्थापित करन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के साथ सहयोग करने का प्रस्ताव किया है।
यह दिल्ली जल बोर्ड और टाटा पॉवर का स्वच्छ भारत अभियान और पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने की सरकार और कारपोरेट की भागीदारी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।
उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और टाटा पावर के अधिकारियों की उपस्थिति में विजय कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड और प्रवीर सिन्हा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टाटा पावर डीडीएल ने आपसी सहमति के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर जंग ने अपनी खुशी जताते हुए टाटा पॉवर डीडीएल और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा साथ मिलकर शहर में जल आपूर्ति तन्त्र को सुदृढ़ बनाने के कार्य की सराहना की। इस सरकारी और कारपोरेट सहभागिता द्वारा समाज को लाभ पहुँचाने के नए क्षेत्रों को तलाशने में सहायता मिलेगी।
दिल्ली जल बोर्ड ने टाटा पॉवर डीडीएल की इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि शहर को जल उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और ऐसी पहल दिल्ली जल बोर्ड के जल वितरण तन्त्र में अनियोजित क्षेत्रों को शामिल करने के जनादेश में मदद देती है। टाटा पॉवर डीडीएल मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारियों के तहत् आने वाले कार्यों में दिल्ली जल बोर्ड के योगदान के लिए आभार जताया।
निवासियों के घर के समीप पेयजल की 24 घण्टों की उपलब्धता से क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य और जीवनयापन की स्थिति में सुधार आएगा। इसके द्वारा क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति में भी सुधार आएगा। इससे पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी-झोपड़ी समूह, गाँवों की लगभग पाँच लाख निवासी लाभान्वित होंगे।
वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट से क्षेत्र के निवासियों को निरन्तर पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। आपसी सहमति के ज्ञापन में वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट के साथ कुल 100 आरओ चरणबद्ध तरीके से लगाए जाएँगे। मार्च, 2015 तक 10 और वर्ष 2016 में 45 और 2017 में 45 ऐसे और संयन्त्र लगाए जाएँगे। इनकी मूल लागत और परिचालन-अनुरक्षण लागत का वहन टाटा पॉवर द्वारा किया जाएगा और दिल्ली जल बोर्ड इसके लिए भूमि, कच्चा जल उपलब्ध कराएगा।
टाटा पॉवर वॉटर डिस्पेंसिंग यूनिट द्वारा पानी की गुणवत्ता के लिए उत्तरदायी होंगे जबकि दिल्ली जल बोर्ड वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट और आरओ से उपलब्ध जल की गुणवत्ता की लगातार निगरानी की जाएगी।
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Post By: Shivendra