ग्रामीण इलाक़ों को ध्यान में रखते हुए भारतीय कंपनी टाटा एक नया 'वाटर प्यूरिफायर' बाज़ार में लेकर आई है.
इस वाटर प्यूरिफायर का नाम 'स्वच्छ' रखा गया है. एक मीटर से भी कम ऊँचाई वाले इस फ़िल्टर की क़ीमत एक हज़ार रुपए से भी कम होगी.
उल्लेखनीय है कि भारत में स्वच्छ पानी की बड़ी समस्या है. ख़ासकर ग्रामीण इलाक़ों में साफ पीने के पानी की कमी की वजह से लाखों लोग डायरिया, हैजा और टायफ़ायड जैसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं.
साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार अब तक अरबों रुपए खर्च कर चुकी है फिर भी समस्या उतनी ही विकराल बनी हुई है.
टाटा का कहना है कि 10 वर्षों के शोध के बाद वह बाज़ार में इस नए फ़िल्टर को लाने में सफल हुई है. इस फ़िल्टर को चलाने के लिए बिजली की ज़रूरत नहीं होगी.
दुनिया में क़रीब एक अरब लोग स्वच्छ पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.
टाटा उद्योग मुख्य रूप से मोटर, सूचना प्राद्योगिकी और स्टील क्षेत्र में अपना कारोबार करती है.
टाटा का कहना है कि इस नए उपकरण से साफ़ पानी उपलब्ध करवाने के कारोबार में काफ़ी बदलाव आएगा.
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