जल ही जीवन है। इसी जल के किन्हीं बर्तनों के सम्पर्क में आने से कुछ अलग स्वाद व स्वास्थ्यपरक प्रक्रियाएं होती हैं। जैसे मिट्टी के घड़े में जल रखने से जल तो शीतल होता ही है, सोंधी-सी महक भी आती है। इसी प्रकार तांबे के बर्तन में रखा पानी भी बहुत लाभदायक होता है। तांबा यानी कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं। तांबे में एंटी-एंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। आर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करते हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और उसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते हैं। पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेटदर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है। शरीर की आंतरिक सफाई के लिये तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है। तांबा अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिये भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्दी भरने के लिये काफी फायदेमंद साबित होता है। तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि के सही क्रियान्वयन के लिये तांबा बेहद उपयोगी है। तांबे में उपस्थित एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवान बनाए रखता है। इसके अलावा यह त्वचा को झुर्रियों बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवान बनाए रखता है। एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है।
यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएँ नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा सम्बन्धी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है। त्वचा को अल्ट्रवॉयलेट किरणों से बचाने के लिये मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आँखों एवं बालों के रंग के लिये जिम्मेदार तत्व होता है। तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मददगार साबित होता है। दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है। मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरण शक्ति मजबूत होती है और दिमाग तेज होता है। इस प्रकार तांबे के पात्र में रखा जल सब प्रकार से लाभदायक है।
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