सूखे पर मुम्बई हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

Mumbai high court
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जल संसाधन नियामक प्राधिकरण से पूछा, क्या है आपात योजना
मुम्बई हाईकोर्टमुम्बई हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सवाल किया कि राज्य में उत्पन्न सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन नियामक प्राधिकरण के पास कोई आपातकालीन योजना है क्या? हाईकोर्ट ने कहा कि विदर्भ, मराठवाड़ा व सोलापुर सहित राज्य के कई इलाके सूखे की चपेट में हैं। प्राधिकरण ने इस स्थिति से निपटने के लिए कौन से कदम उठाए हैं? मंगलवार को प्राधिकरण मुम्बई हाईकोर्ट में अपना जवाब देगा। मुम्बई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वीएन कानडे व न्यायमूर्ति एस फनसालकर जोशी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों से बरसात कम हो रही है। प्राधिकरण भूजल के इस्तेमाल सहित अन्य विकल्पों पर विचार करें।

यदि इस विषय पर गम्भीरता से विचार नहीं किया गया तो भविष्य में भीषण संकट सामने आ सकता है। इसलिए प्राधिकरण पहले से इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए योजना बनाएँ। सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सूखे की स्थिति सिर्फ सोलापुर तक सीमित नहीं है। अच्छी बरसात न होने के कारण विदर्भ व मराठवाड़ा भी इसकी चपेट में है। इस दौरान खंडपीठ ने प्राधिकरण से जानना चाहा कि क्या उसके पास सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कोई आपातकालीन योजना है? प्राधिकरण ने इस स्थिति से निपटने के लिए कौन से कदम उठाए हैं? क्या फसलों को बचाने के लिए उजनी बाँध का पानी छोड़ पाना सम्भव है। खंडपीठ ने प्राधिकरण को मंगलवार तक इन सवालों के जवाब देने का समय दिया है।
 

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