सूख जाएगा नियाग्रा फॉल्स


आज की अत्याधुनिक तकनीक की मदद से भी नदी की जलधारा को रोकने वाला बाँध बनाना बड़ी चुनौती है। यह काम धीरे-धीरे करना पड़ता है और जैसे-जैसे धारा का मुँह छोटा होता जाता है, उसका जल प्रवाह भी उतना ही तीव्र होता जाता है। इसीलिये इस काम का सबसे कठिन चरण इसके अन्त पर आता है। 1969 की रिपोर्ट बताती है कि तब सूखी नियाग्रा के तल से कई चीजें निकली थीं। कथित रूप से अच्छे भाग्य के लिये लोगों द्वारा नदी में फेंके जाने वाले सिक्के वहाँ लाखों की संख्या में थे जिन्हें बाल्टियों में भर-भर कर तट पर लाया गया था। प्रतिवर्ष 1 करोड़ 20 लाख लोगों को आकर्षित करने वाला नियाग्रा जलप्रपात उत्तर अमेरिकी महाद्वीप का सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। अब निर्माण कार्य के लिये दो में से इसकी एक धारा को कुछ वक्त के लिये सुखाने की योजना बनाई जा रही है।

न्यूयॉर्क प्रान्त उद्यान प्राधिकरण की रिपोर्ट इस जलप्रपात को दो धाराओं पर विभाजित करने वाले टापू तक ले जाने वाले फुटब्रिज को अनाकर्षक बताती है। ये जलप्रपात के दृश्य को बाधित भी करते हैं।इन पुलों का निर्माण 115 वर्ष पुराने पुलों के स्थान पर किया गया था। अब ये भी अपना जीवन पूरा कर चुके हैं और इनसे कंक्रीट टूटने लगी है।

इन्हें तोड़ कर नए सिरे से बनाने में गिरने वाला प्रति सेकेंड 26 लाख लीटर जल सबसे बड़ी चुनौती होगा। ऐसे में यहाँ निर्माण के लिये एक धारा से पानी का बहना रोकना होगा।

नियाग्रा जल प्रपात का एक हिस्सा अमेरिका तथा दूसरा कनाडा में पड़ता है। निर्माण के लिये केवल अमेरिका वाली धारा बन्द करनी होगी जो 30 मीटर की ऊँचाई से गिरती है जबकि कनाडा की तरफ 57 मीटर की ऊँचाई से गिरने वाली धारा का प्रवाह इस वजह से और तीव्र हो जाएगा।

इस कार्य पर कुल 26 लाख डॉलर खर्च होंगे जिसे जुटाने में 4 से 5 वर्ष का वक्त लगने की अपेक्षा है जिसके बाद योजनाबन्दी तथा निर्माण में और 2 से 3 वर्ष लग जाएँगे।

नियाग्रा फॉल्स कम्युनिकेशन्स मैनेजर एंड्रिया जूप को लगता है कि यह निर्माण प्रक्रिया पर्यटकों को एक अनूठा मौका देगी जब वे नियाग्रा के सूखे तल को करीब से देख सकेंगे।

उन्हें नहीं लगता कि इससे अमेरिका की ओर नियाग्रा को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाएगी और सभी कनाडा की ओर जाएँगे।

इससे पहले भी एक बार 1969 में नियाग्रा की एक धारा को रोका गया था। तब अमेरिकी सेना ने उस पर बाँध बनाकर पाँच महीने के लिये मृदा अपरदन की परिणामों का अध्ययन किया था।

रिक इलिया तब 15 वर्ष का था। इसके पिता की कम्पनी ने ही वह बाँध बनाया था। वह कहते हैं कि सूखे नियाग्रा पर चलना अलग ही अनुभव था।

आज की अत्याधुनिक तकनीक की मदद से भी नदी की जलधारा को रोकने वाला बाँध बनाना बड़ी चुनौती है। यह काम धीरे-धीरे करना पड़ता है और जैसे-जैसे धारा का मुँह छोटा होता जाता है, उसका जल प्रवाह भी उतना ही तीव्र होता जाता है। इसीलिये इस काम का सबसे कठिन चरण इसके अन्त पर आता है।

1969 की रिपोर्ट बताती है कि तब सूखी नियाग्रा के तल से कई चीजें निकली थीं। कथित रूप से अच्छे भाग्य के लिये लोगों द्वारा नदी में फेंके जाने वाले सिक्के वहाँ लाखों की संख्या में थे जिन्हें बाल्टियों में भर-भर कर तट पर लाया गया था।

इसके अलावा वहाँ से उन लोगों के अवशेष भी मिले थे जिन्होंने यहाँ पानी में कूद कर आत्महत्या की थी या नियाग्रा पर खतरनाक करतब दिखाते हुए इनमें गिर कर मारे गए थे।

देखना दिलचस्प हो सकता है कि इस बार नियाग्रा के तल से क्या कुछ मिलता है। हालांकि, कुछ लोगों को लगता है कि नियाग्रा की अमेरिकी धारा सूखने से पर्यटकों की संख्या जरूर कम होगी जो इसके प्रतिद्वन्द्वी कनाडा वाली धारा के लिये वरदान से कम नहीं होगा।

Path Alias

/articles/sauukha-jaaegaa-naiyaagaraa-phaolasa

Post By: RuralWater
Topic
×