सूके सोमे बुधे बाम। यहि स्वर लंका जीते राम।।
जो स्वर चले सोई पग दीजै। काहे क पंडित पत्रा लीजै।।
भावार्थ- शुक्रवार, सोमवार और बुधवार को बायें स्वर में कार्य प्रारम्भ करने से सफलता मिलती है। राम ने इसी स्वर में लंका जीती थी। यदि बायाँ स्वर चले तो बायाँ पैर आगे निकालना चाहिए दाहिना चले तो दाहिना पैर आगे निकालना चाहिए। इससे कार्य सिद्ध होता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति को पंचांग में विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
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