महिलाएं एवं पंचायती राज से संबंधित वो सभी सकारात्मक लेख, जो 31 जुलाई 2009 से 15 जुलाई 2010 के बीच प्रकाशित हो एवं महिला नेतृत्व को बढ़ावा देता हो, ऐसे लेख आमंत्रित किये जाते हैं अंतिम तिथि - 15 जुलाई 2010, लेखों के लिए कोई शब्द सीमा निर्धारित नहीं।
पुरस्कार
नकद पुरस्कार: हर श्रेणी के लिए दो लाख रुपये। इस पुरस्कार से हिंदी, अंग्रेजी व अन्य भारतीय भाषाओं में 'पंचायती राज और महिलाएं' पर उत्कृष्ट लेखन के लिए प्रिंट मीडिया के तीन पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है।
प्रविष्टि के लिए अंतिम तिथि: 15 जुलाई, 2010। प्रविष्टियां - द हंगर प्रोजेक्ट दिल्ली कार्यालय अथवा राज्य कार्यालयों में 15 जुलाई, 2010 तक अवश्य पहुंच जानी चाहिए। इस तिथि के बाद प्राप्त हुए लेखों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रविष्टि के लिए प्राप्त लेख 31 जुलाई, 2009 से 15 जुलाई, 2010 के बीच प्रकाशित होने चाहिए, इस अवधि से पूर्व या बाद की प्रविष्टियां पुरस्कार के लिए अयोग्य मानी जाएंगी।
पात्रता मापदंड
• प्रिंट मीडिया से जुड़े सभी पत्रकार आवेदन कर सकते हैं। क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित लेखों को प्रोत्साहित किया जाता है। द हंगर प्रोजेक्ट या उसके साथी संगठनों के कर्मी पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
• प्रविष्टियों के साथ समाचार पत्रों या पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों की प्रतियां संलग्न करना अनिवार्य है। आवेदनों पर आवेदक का नाम, पता, ई-मेल तथा फोन नंबर अवश्य होने चाहिए।
• लेखों के लिए शब्द सीमा निर्धारित नहीं है।
• आवेदनों के साथ कितने भी लेख भेजे जा सकते हैं, यदि वे उपर्युक्त मापदण्डों पर खरे उतरते हों।
निर्णायक मंडल
डॉ. जॉर्ज मैथ्यू, निदेशक, इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंसेज
डॉ. एस. एस. मीनाक्षीसुंदरम, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एम.वाय.आर.डी.ए. डल्त्क।
सुश्री पामेला फिलिपोज,निदेशक, वीमेंस फीचर सर्विस
सुश्री उर्वशी बुटालिया,कॉ-फाउण्डर, काली फॉर वीमेन एवं निदेशक, जुबान
सुश्री मणिमाला, निदेशक, मीडिया फॉर चेंज
सरोजिनी नायडू पुरस्कार क्यों
हमारे देश में जमीनी स्तर पर खामोश बदलाव जारी है। 73वें संविधान संशोधन से अस्तित्व में आई पंचायती राज संस्थाओं ने पंचायतों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई पद तथा अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ी वर्ग के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। इसका स्वागत लोकतंत्र के एक विशेष नवाचार के रूप में किया गया था। इस अवसर ने स्थानीय स्वशासन व निर्णय प्रकिया में महिलाओं को शामिल किया और उन्हें स्वयं अपना एक विकास-एजेण्डा बनाने का अवसर दिया है।
आज महिलाएं आत्म-विश्वास के साथ निरंतर अपने गांव के विकास की प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से अपने अधिकारों का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने इस आशंका को गलत साबित किया है कि महिलाएं पंचायत में अपने परिवार के पुरुष सदस्यों की छायाएं भर होंगी। उनके काम और अनुभवों से उभरकर आई उनकी सफलता की कहानियां प्रभावशाली हैं।
मीडिया रपटें और स्वतंत्र अध्ययन दर्शाते हैं कि अधिकांश निर्वाचित महिलाएं शासन के कामकाज को समझ रही हैं और अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रही हैं। वे पानी, शराब के व्यसन, शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, असमानता तथा लिंग के आधार पर होने वाले अन्याय जैसे उन मुद्दों के प्रति राज्य को संवेदनशील बना रही हैं, जिनकी अनदेखी होती रही है।
आज इस 'खामोश क्रांति' को एक आवाज़ की जरूरत है; इन महिलाओं के संघर्षों तथा सफलताओं को घरों, नागरिक समाज समूहों, शहरी अभिजात्य वर्ग, पेशेवरों, शिक्षाविदों तथा नीति निर्माताओं के दिलो-दिमाग तक पहुंचाने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास जरूरी है। यही समय है जब मीडिया इन पंचायत की महिला नेत्रियों द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र में किए गए योगदान का वस्तुनिष्ठ आंकलन करें।
द हंगर प्रोजक्ट इन महिला नेत्रियों के संघर्ष और सफलता की कहानियों को मीडिया में प्रमुखता से स्थान देने, उसे समर्थन व प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुरस्कार का यह दसवां वर्ष है, इसलिए इस वर्ष सरोजिनी नायडू पुरस्कार विषय केंद्रित नहीं होंगे, बल्कि महिला व पंचायती राज से संबंधित सभी प्रकार के सकारात्मक लेखन के लिए दिये जाएंगे।
विगत विजेता
2009 - श्री रोनाल्ड अनिल फर्नाण्डिस, श्री अमरपाल सिंह वर्मा, सुश्री जी. मीनाक्षी एवं श्री विजय चोरमारे (विशेष सराहना पुरस्कार)
2008 - श्री राधेश्याम जाधव, श्री विभाष्श कुमार झा, श्री पोन.धानशेखरन व श्री अखंड (विशेष सराहना पुरस्कार)
2007 - सुश्री टेरेसा रहमान, श्री भंवर मेघवंशी व श्री वी. आर. ज्योतिष कुमार
2006 - श्री सैयद ज़रीर हुसैन, डॉ. कविन्द्र नारायण श्रीवास्तव,श्री हेमंत बर्मन व श्री शुरिया नियाजी (विशेष सराहना पुरस्कार½
2005 - श्री भरत डोगरा, सुश्री गीता इलांगोवन, श्री विमल गुप्त व श्री ताषी मौरुप (विशेष सराहना पुरस्कार)
2004 - डॉ. रूपा मंगलानी, सुश्री सुश्ष्मिता मालवीय व श्री अरुण राम -
2003 - सुश्री मैत्रोयी पुष्पा, श्री जोकिम फर्नांडीज व श्री दिलीप चंदन
2002 - सुश्री ममता जेटली व श्री दीपक तिवारी -
2001 - सुश्री वासवी, के.पी.एम. बशीर, श्री राजेन्द्र बंधु, श्री योगेश वाजपेयी,सुश्री केआर मंगला व श्री सोमेन दत्ता
सरोजिनी नायडू पुरस्कार
महिलाएं और पंचायती राज पर बेहतरीन रिपोर्टिंग का 10 वां साल मनायें महिलाएं और पंचायती राज पर बेहतरीन रिपोर्टिंग का 10 वां साल मनायें।
सभी प्रविष्टियां निम्न में से किसी भी पते पर भेजी जा सकती हैं या
ई-मेल करें % thp@airtelmail.in
द हंगर प्रोजेक्ट, - अली मार्ग, कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली – 67
फोन: 011- 4168 8847-50. फैक्स: 011 - 4168 8852
बिहार - द हंगर प्रोजेक्ट, मेहमान सराय, प्रथम तल, इमारत एस.रिज़वी
के पीछे, बैंक रोड़, पटना 800001. फोन: 0612 - 220 7705.
तमिलनाडु - द हंगर प्रोजेक्ट, हाउस नंबर: 1, दूसरी मेन रोड़, नेहरू
नगर, अड़यार, चेन्नई 600 020. फोन: 044 - 244 525 20.
राजस्थान - द हंगर प्रोजेक्ट, ए-5, हवा सड़क, राम मंदिर के सामने,बाल
मंदिर स्कूल के पास, सिविल लाइंस, जयपुर 302 006.
फोन: 0141 -2223123
कर्नाटक - द हंगर प्रोजेक्ट, 316 ई, फस्ट फ्लोर, 9-ए मैन, 40 क्रोस,
ब्लॉक 5, जया नगर, बंगलौर 560041. फोन: 080-22459115
मध्य प्रदेश - द हंगर प्रोजेक्ट, ए- 450, मानसरोवर कॉलोनी,
शाहपुरा, भोपाल 462016.
फोन: 0755 - 242 4736, फैक्स: 0755- 424 6259
उड़ीसा - द हंगर प्रोजेक्ट, द्वारा - श्री एन. के. दास, एन.-1/332,
स्वप्नेश्वर मंदिर के पीछे आई.आर.सी. गांव, भुवनेश्वर 751015.
फोन: 099382004
/articles/saraojainai-naayadauu-paurasakaara-kae-laie-paravaisataiyaan-amantaraita