महोबा, 18 जून (जनसत्ता)। बुंदेलखंड की जमीन से तालाब, कुएं-झीलें व पोखरे लापता हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे बुंदेलखंड में इनकी खोज के बाद 2963 तालाब व कुएं लापता पाए गए और 4263 तालाबों पर अवैध कब्जे मिले। जबकि सरकारी अभिलेखों में 3747 तालाबों के अवैध कब्जे हटा दिए गए और मात्र 462 तालाब अवैध कब्जों में है।
शासन के इस अभियान में महोबा-चित्रकूट-बांदा-हमीरपुर में 39144 तालाब-पोखर, कुआं और जलाशय दर्ज थे। इनका क्षेत्रफल 722.47 हेक्टेयर था। उप्र राजस्व विभाग के अभिलेखों के मुताबिक सातों जनपद यानी बुंदेलखंड क्षेत्र के 4263 तालाबों व कुओं पर अवैध कब्जे पाए गए। शासन के मुताबिक 3798 तालाबों कुओं से अवैध कब्जे हटा दिए हैं।
समाज सेवी आशीष सागर के मुताबिक पूरे बुंदेलखंड में 39144 तालाब कुएं पोखर अभिलेखों में दर्ज है और 722.47 हेक्टेयर भूमि में स्थित हैं। बांदा में 14598 तालाब कुएं दर्ज हैं जिसमें 869 लापता हैं और 332 पर अवैध कब्जे हैं। चित्रकूट में 3692 तालाब-कुओं में 151 लापता हैं। हमीरपुर में 3079 कुएं तालाब हैं लेकिन 541 लापता हैं 655 पर अवैध कब्जे हैं। महोबा में 8399 तालाब-कुएं में 1402 लापता हैं, 14721 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जों में है। प्रशासन का कहना है कि महोबा में 1495, चित्रकूट में 1579, बांदा में 128, हमीरपुर में 545, जालौन में 51 तालाब कुओं पर से अवैध कब्जे हटाए गए हैं। हमीरपुर में 100 कुओं तालाबों पर अवैध कब्जे रह गए हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेशयादव ने दो वर्ष पूर्व 223.91 करोड़ की जल पैकेज योजना में बुंदेलखंड के 15 तालाबों के पुनर्निर्माण व जीर्णोद्धार कराने का आदेश दिया था जिसमें महोबा-बांदा-झांसी-जिले के 5-5 तालाब शामिल थे। तालाबों के जीर्णोंद्धार के लिए मुख्य सचिव उप्र सरकार की अध्यक्षता में एक बैठक झांसी में हुई जिसमें बांदा के छावी तालाब को 54 लाख, परागी तालाब को 52 लाख, गुसाई तालाब को 51 लाख, नवाब टैंक को 1 करोड़ 33 लाख, महोबा के कीरत सागर को 24 करोड़, रैपुरा जलाशय को 58 करोड़, करवारा को 30 करोड़, कुलपहाड़ तालाब के लिए 16 करोड़ स्वीकृत हुए थे और सभी काम अधूरे पड़े हैं। केंद्र ने राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम के तहत अपने हिस्से का धन आबंटित नहीं किया।
शासन के इस अभियान में महोबा-चित्रकूट-बांदा-हमीरपुर में 39144 तालाब-पोखर, कुआं और जलाशय दर्ज थे। इनका क्षेत्रफल 722.47 हेक्टेयर था। उप्र राजस्व विभाग के अभिलेखों के मुताबिक सातों जनपद यानी बुंदेलखंड क्षेत्र के 4263 तालाबों व कुओं पर अवैध कब्जे पाए गए। शासन के मुताबिक 3798 तालाबों कुओं से अवैध कब्जे हटा दिए हैं।
समाज सेवी आशीष सागर के मुताबिक पूरे बुंदेलखंड में 39144 तालाब कुएं पोखर अभिलेखों में दर्ज है और 722.47 हेक्टेयर भूमि में स्थित हैं। बांदा में 14598 तालाब कुएं दर्ज हैं जिसमें 869 लापता हैं और 332 पर अवैध कब्जे हैं। चित्रकूट में 3692 तालाब-कुओं में 151 लापता हैं। हमीरपुर में 3079 कुएं तालाब हैं लेकिन 541 लापता हैं 655 पर अवैध कब्जे हैं। महोबा में 8399 तालाब-कुएं में 1402 लापता हैं, 14721 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जों में है। प्रशासन का कहना है कि महोबा में 1495, चित्रकूट में 1579, बांदा में 128, हमीरपुर में 545, जालौन में 51 तालाब कुओं पर से अवैध कब्जे हटाए गए हैं। हमीरपुर में 100 कुओं तालाबों पर अवैध कब्जे रह गए हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेशयादव ने दो वर्ष पूर्व 223.91 करोड़ की जल पैकेज योजना में बुंदेलखंड के 15 तालाबों के पुनर्निर्माण व जीर्णोद्धार कराने का आदेश दिया था जिसमें महोबा-बांदा-झांसी-जिले के 5-5 तालाब शामिल थे। तालाबों के जीर्णोंद्धार के लिए मुख्य सचिव उप्र सरकार की अध्यक्षता में एक बैठक झांसी में हुई जिसमें बांदा के छावी तालाब को 54 लाख, परागी तालाब को 52 लाख, गुसाई तालाब को 51 लाख, नवाब टैंक को 1 करोड़ 33 लाख, महोबा के कीरत सागर को 24 करोड़, रैपुरा जलाशय को 58 करोड़, करवारा को 30 करोड़, कुलपहाड़ तालाब के लिए 16 करोड़ स्वीकृत हुए थे और सभी काम अधूरे पड़े हैं। केंद्र ने राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम के तहत अपने हिस्से का धन आबंटित नहीं किया।
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Post By: pankajbagwan