जिला सिरमौर में सरांह से 15 किलो मीटर दूर कुमार हट्टी की तरफ स्थित यह प्राचीन बावड़ी व साथ में सरांए बयाँ करती है कि कभी यहां राहगीरों के मेले लगा करते थे। तथा सारी थकान मिटाने बाला निर्मल, ठण्डे जल से अपनी मुख प्यास मिटा कर आराम किया जाता होगा। आज राह गीर इसके पास से एक पडाव भी नहीं लेते और न ही इसकी तरफ निहारते हैं। प्राचीन निर्माण कला का विशिष्ट नमूना आज भी नवनिर्मित कला को टक्कर देती है।
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