पर्यावरण प्रदूषण आज एक ग्लोबल समस्या बन चुकी है। भारत भी इसका अपवाद नहीं है। इस क्रम में जल प्रदूषण को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आने वाले समय जहां स्वच्छ पेय जल की कमी को लेकर विश्वयुद्ध की संभावना जताई जा रही है, तो दूसरी ओर जो जल हमारे पास उपलब्ध है, उसे प्रदूषित किया जा रहा है। इस प्रदूषण से नदियों, कुंओं और तालाबों के जल के साथ ही भूमिगत जल स्त्रोत भी विषाक्त हो रहे हैं। ऐसे में जल संरक्षण, संवर्द्धन और प्रबंधन के लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। इन कारणों से जल प्रबंधन के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर पैदा हुए हैं। यही नहीं, देशभर के विभिन्न संस्थानों में जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों को चलाया जा रहा है । इसमें वर्षा जल संरक्षण (वाटर हारवेस्टिंग), वाटरशेड मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रम प्रमुख हैं।
जल प्रबंधन के अंतर्गत वर्षा का जल, बाढ़ का पानी, औद्योगिक इकाईयों से निकला पानी आदि का कुशल प्रबंधन एवं संरक्षण करना होता है, ताकि दूषित व विषाक्त पानी को उपयोग लायक बनाया जा सके। इसके अलावा पानी में मौजूद अपशिष्ट कारकों की पहचान व उसे शुद्ध बनाने की प्रक्रिया भी वाटर मैनेजमेंट का एक हिस्सा है। कैरियर के लिहाज से पानी का क्षेत्र दिनोंदिन व्यापक हो रहा है।
जल प्रबंधन में तकनीकी और गैर-तकनीकी दो तरह के कार्यक्षेत्र होते हैं। तकनीकी क्षेत्र के तहत कार्य करने वाले उम्मीदवारों के पास सिविल, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनिय¨रग स्तर की योग्यता होनी चाहिए। जबकि गैर-तकनीकी क्षेत्र में उम्मीदवारों के लिए न्यायिक, सामाजिक, वित्तीय, औद्योगिक एवं प्रबंधकीय क्षेत्र में कार्य करने का मौका होता है, लिहाजा उसी अनुरूप योग्यता का होना जरूरी है।
उम्मीदवार हाइड्रोलॉजी, फ्लड मैनेजमेंट, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, सिंचाई, जल प्रबंधन आदि डिप्लोमा या डिगरी स्तरीय पाठ्यक्रमों को करके जल प्रबंधन के क्षेत्र में कैरियर संवार सकते हैं।
तकनीकी या गैर-तकनीकी योग्यता प्राप्त युवाओं को कॉरपोरेट कंपनियों के पर्यावरण संकाय में रोजगार मिल सकता है या फिर सरकारी क्षेत्रों जैसे एनीटीपीसी, एनएचपीसी, आईडब्ल्यूएआई जैसे सरकारी विभागों में इन्ाकी मांग होती है। इसके अलावा जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत कई स्वयंसेवी संगठनों में भी जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक्सपर्ट युवाओं के लिए कार्य करने का अवसर है। इनमें तकनीकी एवं गैर-तकनीकी दोनों पाठ्यक्रमों के उम्मीदवारों को रोजगार प्राप्त हो सकता है। उम्मीदवार रिसर्च, ज्योलॉजिकल इंजीनियरिंग, माइक्रोबायोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में कार्य करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। इसके अलावा पैकेजिंग इंडस्ट्री ने पानी को नया रूप प्रदान कर दिया है। ऐसे में जल प्रबंधन के क्षेत्र में माहिर युवाओं के लिए बोतलबंद पानी का निर्माण करने वाली निजी कंपनियों के द्वार भी खुले हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई
पटना विश्वविद्यालय, पटना
पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
दिल्ली अभियांत्रिकी महाविद्यालय, दिल्ली
रीजनल इंजीनिय¨रग कॉलेज, वारंगल
एल डी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद
इंजीनिय¨रग कॉलेज, रायपुर
गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तरांचल
इलाहाबाद एग्रीकल्चर डीम्ड इंस्टीटयूट, नैनी, इलाहाबाद
ए एन कॉलेज, पटना
साभार – अमर उजाला
Tags - Water managers in Hindi, environmental pollution in Hindi, water pollution in Hindi, clean drinking water in Hindi, ground water source are also toxic in Hindi, water conservation in Hindi, promotion in Hindi, water course management in Hindi, rain water conservation (water Harvesting) courses in Hindi, watershed management courses in Hindi, courses
कार्य
जल प्रबंधन के अंतर्गत वर्षा का जल, बाढ़ का पानी, औद्योगिक इकाईयों से निकला पानी आदि का कुशल प्रबंधन एवं संरक्षण करना होता है, ताकि दूषित व विषाक्त पानी को उपयोग लायक बनाया जा सके। इसके अलावा पानी में मौजूद अपशिष्ट कारकों की पहचान व उसे शुद्ध बनाने की प्रक्रिया भी वाटर मैनेजमेंट का एक हिस्सा है। कैरियर के लिहाज से पानी का क्षेत्र दिनोंदिन व्यापक हो रहा है।
योग्यता
जल प्रबंधन में तकनीकी और गैर-तकनीकी दो तरह के कार्यक्षेत्र होते हैं। तकनीकी क्षेत्र के तहत कार्य करने वाले उम्मीदवारों के पास सिविल, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनिय¨रग स्तर की योग्यता होनी चाहिए। जबकि गैर-तकनीकी क्षेत्र में उम्मीदवारों के लिए न्यायिक, सामाजिक, वित्तीय, औद्योगिक एवं प्रबंधकीय क्षेत्र में कार्य करने का मौका होता है, लिहाजा उसी अनुरूप योग्यता का होना जरूरी है।
उम्मीदवार हाइड्रोलॉजी, फ्लड मैनेजमेंट, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, सिंचाई, जल प्रबंधन आदि डिप्लोमा या डिगरी स्तरीय पाठ्यक्रमों को करके जल प्रबंधन के क्षेत्र में कैरियर संवार सकते हैं।
अवसर
तकनीकी या गैर-तकनीकी योग्यता प्राप्त युवाओं को कॉरपोरेट कंपनियों के पर्यावरण संकाय में रोजगार मिल सकता है या फिर सरकारी क्षेत्रों जैसे एनीटीपीसी, एनएचपीसी, आईडब्ल्यूएआई जैसे सरकारी विभागों में इन्ाकी मांग होती है। इसके अलावा जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत कई स्वयंसेवी संगठनों में भी जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक्सपर्ट युवाओं के लिए कार्य करने का अवसर है। इनमें तकनीकी एवं गैर-तकनीकी दोनों पाठ्यक्रमों के उम्मीदवारों को रोजगार प्राप्त हो सकता है। उम्मीदवार रिसर्च, ज्योलॉजिकल इंजीनियरिंग, माइक्रोबायोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में कार्य करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। इसके अलावा पैकेजिंग इंडस्ट्री ने पानी को नया रूप प्रदान कर दिया है। ऐसे में जल प्रबंधन के क्षेत्र में माहिर युवाओं के लिए बोतलबंद पानी का निर्माण करने वाली निजी कंपनियों के द्वार भी खुले हैं।
संस्थान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई
पटना विश्वविद्यालय, पटना
पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
दिल्ली अभियांत्रिकी महाविद्यालय, दिल्ली
रीजनल इंजीनिय¨रग कॉलेज, वारंगल
एल डी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद
इंजीनिय¨रग कॉलेज, रायपुर
गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तरांचल
इलाहाबाद एग्रीकल्चर डीम्ड इंस्टीटयूट, नैनी, इलाहाबाद
ए एन कॉलेज, पटना
साभार – अमर उजाला
Tags - Water managers in Hindi, environmental pollution in Hindi, water pollution in Hindi, clean drinking water in Hindi, ground water source are also toxic in Hindi, water conservation in Hindi, promotion in Hindi, water course management in Hindi, rain water conservation (water Harvesting) courses in Hindi, watershed management courses in Hindi, courses
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