सेना के विभिन्न अंगो में करियर बनाना तो आम बात है, लेकिन एक ऐसा क्षेत्र भी है जो सेना से मिलता-जुलता है, जहाँ आगे बढ़ने और ऑफिसर बनकर शानदार करियर बनाने की अपार सम्भावनाएं हैं। मर्चेंट नेवी का नाम आते ही कुछ लोगों के जेहन में आता है कि यह क्षेत्र भारतीय नौसेना से जुड़ा होगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसे एक औद्योगिक क्षेत्र कहा जा सकता है। लेकिन यह क्षेत्र बहुत बड़ा है और इसमें आते ही लोगों का रोमांचकारी सफर शुरू हो जाता है। इसमें समुद्री जहाजों के जरिए सामान और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है। इस व्यापक क्षेत्र में सरकारी और प्राइवेट दोनो ही तरह की कम्पनियां काम करती हैं। श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन स्टडीज के चेयरमैन मंजीत लोचव का कहना है कि जिन लोगों को देश-विदेश घूमने का शौक हो और समुद्री लहरों का रोमांचकारी सफर पसंद हो, वे इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। खास बात है कि इस क्षेत्र में शुरुआत के साथ ही आगे की पढ़ाई करके खुद को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है। कोई भी अभ्यर्थी अपनी लगन और मेहनत से मर्चेंट नेवी में महज सात साल में कैप्टन के पद तक जा सकता है। यहाँ सीमैन और कैडेट से कोर्स की शुरुआत होती है। इसके अलावा, मरीन साइंस, नॉटिकल इंजीनियरिंग, ग्रेजुएट मेडिकल इंजीनियर जैसे कोर्स भी किए जा सकते हैं।
सम्भावनाओं का करियर
वैश्वीकरण होने के साथ ही एक देश से दूसरे देश की दूरियां सिमट गई हैं। खुली अर्थव्यवस्था के माहौल में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियों का कारोबार एक से दूसरे देश में तेजी से बढ़ रहा है। भारत अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए तेजी से उभरता उपभोक्ता बाजार भी साबित हो रहा है। विश्व के विभिन्न देशों में उत्पादित माल भारत आ रहा है और भारतीय उत्पाद बड़ी मात्रा में विदेश भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही कार्गो का क्षेत्र तेजी से बड़ा आकार ले रहा है। यही कारण है कि विश्व भर में मर्चेंट नेवी के क्षेत्र में भी काम तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी-बड़ी कम्पनियां मर्चेट नेवी के क्षेत्र में अपने पैर पसार रही हैं। इन्ही कम्पनियों की वजह से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। मर्चेंट नेवी से जुड़े कोर्स और पाठ्यक्रम करने वालों को शत-प्रतिशत प्लेसमेंट भी मिल रहा है। हालांकि काफी हद तक अभ्यर्थी की व्यक्तिगत योग्यता भी किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
स्किल्ड लोगों की जरूरत
मर्चेंट नेवी में तेजी से बढ़ती मांग के मुकाबले समुचित शिक्षित और प्रशिक्षित लोगों की आज भी भारी कमी है। इसलिए जरूरी है कि अभ्यर्थी किसी प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करें। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए संस्थान भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि उचित तकनीकी प्रशिक्षण किसी प्रतिष्ठित संस्थान से ही प्राप्त किया जा सकता है। यदि आप साढ़े 17 से 25 साल के बीच की आयु के हैं और समंदर की लहरों से टकराने वाले रोमांचकारी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो मर्चेंट नेवी का फील्ट आपके लिए मुफीद है।
सम्भावनाएं
मर्चेंट नेवी में करियर बनाने के लिए ज्यादातर मौके नॉटिकल यानी डेक, इंजीनियरिंग और कैटरिंग के फील्ड में मिलते हैं। हालांकि 10वीं पास करने के बाद भी सी-ट्रेनिंग, इलेक्ट्रिकल, ऑफिसर, रेडियो ऑफिसर, नॉटिकल सर्वेयर, पायलट ऑफ शिप और कैप्टन के पदों तक पहुँच सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता
मर्चेंट नेवी में शामिल होने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के रूप में 10वीं पास होना जरूरी है। हालांकि, 12वीं पास लोगों के लिए भी अलग कोर्स हैं, जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए-नए अवसर देते हैं। बीटेक और डिप्लोमाधारियों के लिए भी कोर्स मौजूद हैं। मर्चेंट नेवी में करियर की शुरुआत करने के लिए अभ्यर्थी का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी बेहद जरूरी है।
सैलरी
मर्चेंट नेवी के क्षेत्र में करियर की शुरुआत ही 50 से 60 हजार रुपए की मासिक सैलरी से होती है। सीमैन या कैडेट से शुरुआत के बाद इस क्षेत्र में अभ्यर्थी दो साल की सेवा के बाद ऑफिसर बन सकते हैं। सात साल की सेवा के बाद कैप्टन बन जाते हैं। इस क्षेत्र में अधिकारियों की सैलरी 10 लाख रुपए मासिक तक होती है। हालांकि इसके लिए नौकरी के साथ-साथ योग्यता बढ़ाना भी जरूरी है।
प्रमुख संस्थान
- श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन स्टडीज दिल्ली - www.simsnd.in
- जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली - https://jmi.ac.in
- महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी, रोहतक, हरियाणा - http://mdu.ac.in
- गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार, हरियाणा - www.gjust.ac.in
उपलब्ध कोर्स
मर्चेंट नेवी में करियर बनाने के लिए 6 महीने के कोर्स से शुरुआत होती है। छह माह का प्री सी जनरल पर्पज रेटिंग कोर्स होता है। एक साल का डीएनएस प्री सी डिप्लोमा इन नॉटिकल साइंसेज का कोर्स कराया जाता है। हालांकि इसके लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की पढ़ाई करना जरूरी है। इनके अलावा, मरीन इंजीनियरिंग एवं नेवल आर्किटेक्चर एंड शिप बिल्डिंग में बीटेक, नॉटिकल साइंस मरीनटाइम साइंस व शिप बिल्डिंग एंड रिपेयर्स में बीएससी, नॉटिकल साइंस में डिप्लोमा आदि कोर्स भी कराए जाते हैं। इन विषयों में एमटेक व पीजी डिप्लोमा भी कर सकते हैं।
/articles/samandara-kai-laharaon-para-karaiyara