अगले दिन यह जानकर कि वे आखिर वर्षा वन खरीद सकते हैं, बच्चे दौड़ते हुए कक्षा में आए। 10 हेक्टेयर वर्षा वन खरीदने के लिये पैसा जुटाने के बहुत से तरीके उन्होंने सोच रखे थे। वे करीब 60 बच्चे थे और उन्होंने चित्र बनाए, ग्रीटिंग कार्ड तैयार किए, केक की बिक्री की और इतना पैसा इकट्ठा किया, जिससे चार हेक्टेयर मोंटवेर्दे वन खरीदा जा सके। अपनी सफलता से उत्साहित एहा ने अपने सहयोगियों को यह कहानी बताई।
एहा केर्न वर्षा वनों पर एक फिल्म दिखा रही थी। चटख रंग के पक्षियों, वन्य जीवन, साँप और कीटों की इस दुनिया ने 10 वर्षीय बच्चों की उस कक्षा में उत्साह भर दिया। उस कक्षा की प्रत्येक जोड़ी आँखें टेलीविजन के परदे पर चिपकी थीं। अचानक उस डाक्युमेन्ट्री में बहुत ही विचलित करने वाला दृश्य दिखाई देने लगा। वर्षा वन में आग लगी है और वन्य जीव घबराकर इधर-उधर भाग रहे हैं। फिर एहा ने उन्हें बताया कि किस प्रकार सैकड़ों पशु-पक्षियों के आवास को फर्नीचर व घर बनाने के लिये लकड़ियाँ बेचने के लालच में काटकर वीरान किया जा रहा है।ग्रामीण स्वीडन के फैगेरविक स्कूल में बच्चों के चेहरे से मुस्कान गायब हो गई और उन्हें बहुत बुरा लगने लगा। कुछ चेहरों पर तो भौंहें तन गईं। नौ साल के रौलां टायनसु ने कहा, 'क्या यह सही है कि वर्षा वन लुप्त हो रहे हैं?' और जब शिक्षिका ने हाँ में गर्दन हिलाई तो उसका दूसरा प्रश्न था, 'क्या हम कुछ वर्षा वन खरीदकर उसे लकड़ी काटने वालों और आग से नहीं बचा सकते?' उसके सहपाठी हँसने लगे और कहने लगे, 'अरे, हमारे पास तो सिर्फ कैंडी खरीदने लायक पैसे हैं।' अपने प्रोजेक्ट वर्क में बच्चों को इतनी रुचि लेते देखकर खुश एहा ने अगले हफ्ते अमेरिकी ‘उष्णकटिबंधीय जीवविज्ञानी शेरॉन किन्समैन’ को आमंत्रित किया। शेरॉन अपने काम के कारण ‘कोस्टारिका’ में मशहूर थीं और जब उन्होंने बच्चों को कोस्टारिका के मोंटेवेर्दे के वर्षा वनों के चित्र दिखाएँ तो वे देखते ही रह गए। उन्होंने बच्चों को बताया कि इन वनों में पक्षियों की 400 से ज्यादा प्रजातियाँ इतनी ही संख्या में तितलियों की प्रजातियों के साथ रहती हैं। वहाँ 500 प्रकार के पेड़ भी हैं। मोंटेवेर्दे (हरित पर्वत) गोल्डन टोड (सुनहरा मेंढक) का भी दुनिया में एकमात्र घर है। यह ऐसा मेंढक होता है, जो अंधेरे में चमकता है।
शैरॉन ने तब फिर उन्हें कठोर हकीकत दिखाई- लकड़ी काटने वाले आरी से पेड़ काट रहे थे। उन्होंने बताया कि मोंटवेर्दे के कुछ लोग जमीन खरीदने की पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि अौर पेड़ों को कटने से बचाया जा सके। यह सत्तर के दशक की बात है और कुछ जमीन का पहले ही संरक्षण कर लिया गया था, लेकिन शेष को बचाने के लिये काफी ज्यादा पैसे की जरूरत थी। शैरॉन ने बताया कि वहाँ जमीन सस्ती थी- सिर्फ करीब 25 डॉलर प्रति एकड़। रोलां का आइडिया सम्भव दिखाई देता था। उन्होंने वहाँ मौजूद बच्चों के पालकों में हैट घुमाकर पैसा इकट्ठा किया, लेकिन सिर्फ 500 डॉलर इकट्ठा हुए, जिससे 20 एकड़ जमीन ही खरीदी जा सकती थी।
अगले दिन यह जानकर कि वे आखिर वर्षा वन खरीद सकते हैं, बच्चे दौड़ते हुए कक्षा में आए। 10 हेक्टेयर वर्षा वन खरीदने के लिये पैसा जुटाने के बहुत से तरीके उन्होंने सोच रखे थे। वे करीब 60 बच्चे थे और उन्होंने चित्र बनाए, ग्रीटिंग कार्ड तैयार किए, केक की बिक्री की और इतना पैसा इकट्ठा किया, जिससे चार हेक्टेयर मोंटवेर्दे वन खरीदा जा सके। अपनी सफलता से उत्साहित एहा ने अपने सहयोगियों को यह कहानी बताई। दूसरी कक्षाओं के विद्यार्थी भी पैसा इकट्ठा करने के अपने विचार लेकर आए। खेल और पोनी राइड के साथ एक के बाद दूसरे कार्यक्रम से चर्चा स्वीडन के अन्य स्कूलों में फैली।
सत्तर के दशक के मध्य में कुल एक लाख डॉलर जुटा लिये गए। विद्यार्थियों से प्रेरणा लेकर स्वीडिश सरकार ने 80 हजार डॉलर का अनुदान दिया। उनके प्रयासों पर अखबार में एक लेख प्रकाशित हुआ और टेलीविजन पर भी रिपोर्ट आई और 44 देशों के बच्चों ने हाथ मिलाए और 20 लाख डॉलर इकट्ठे कर लिये, जिसका उपयोग मोंटवेर्दे कंजर्वेशन लीग ने करीब 33 हजार एकड़ वर्षा वन खरीदने में किया। इस सारे पैसे से वह सपना साकार हुआ, जिसे आज चिल्ड्रन्स एटर्नल रेन फारेस्ट के नाम से जाना जाता है, जो दुनिया के 5 फीसदी पक्षियों, 3 फीसदी तितलियों और 3 फीसदी फर्न का घर है। फंडा यह है कि सिर्फ एक बच्चे के मन में आए छोटे-से सकारात्मक विचार ने हजारों जिंदगियों के लिये घर को सम्भव बनाया है। सिर्फ सकारात्मक सोच रखें और देखें कि कैसे सबकुछ ठीक हो जाता है।
ईमेल - raghu@dbcorp.in
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