सावन भादों खेत निरावै।
तब गृहस्थ बहुतै सुख पावै।।
भावार्थ- घाघ का कहना है कि यदि किसान सावन और भादों मास में खेत की निराई करवा दे तो आगे उसे बहुत सुख मिलेगा।
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