सौंख कहै देख मोर कला


सौंख कहै देख मोर कला।
बेमेहरी का करौं घरा।।


शब्दार्थ- सौंख- जिस बैल के माथे पर निशान हो।

भावार्थ- जिस बैल के माथे पर निशान हों, वह अशुभ होता है और किसान के घर को बिना पत्नी के कर देता है। अर्थात् उसकी पत्नी को ही खा जाता है।

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Post By: tridmin
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