साठी में साठी करै, बाड़ी में बाड़ी।
ईख में जो धान बौवै, फूँको वाकी दाढ़ी।।
भावार्थ- जो साठी धान के खेत में फिर धान बोता है और कपास के खेत में कपास और ईख के खेत में धान बोता है तो अच्छा नहीं करता। इससे पैदावार कम हो जाती है।
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