सातै पाँच तृतीया दसमी, एकादसि में जीव।
एहि तिथिन पर जोतहू, तौ प्रसन्न हो सीव।।
भावार्थ- ऐसा माना जाता है कि सप्तमी, पंचमी, तृतीया, दशमी और एकादशी में जीव का निवास होता है। यदि इन तिथियों में खेत की जुताई की जाये तो शिव जी प्रसन्न होते हैं।
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