![इंदौर में एक मीटिंग का सीन](/sites/default/files/styles/node_lead_image/public/hwp-images/IMG-20220503-WA0000_3.jpg?itok=21TJ6JzX)
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य ने की इंदौर मॉडल की मुक्तकंठ से सराहना
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने इंदौर मॉडल की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि साफ़-सफ़ाई और पर्यावरण के लिए इंदौर देशभर में बेहतर मॉडल बनकर उभरा है। देश में अन्य स्थानों पर भी इसका अनुसरण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित जितने भी केस राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की बेंच पर आते हैं वे उन्हें इंदौर के मॉडल का अनुसरण करने का सुझाव अवश्य देते हैं. देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कदम उठा रहे हैं. उनके इस विजन को मूर्त रूप देने के लिए हम सभी का योगदान आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जब वे कई वर्षों पहले इंदौर आए थे तो यहां सड़कों के किनारों पर रखे कचरे के ढेर में मक्खियाँ घूमा करती थी, आज यहां की सड़कों का दृश्य एकदम अलग है. जिला प्रशासन की अनुशंसा और कड़ी मेहनत ने इंदौर की तस्वीर को बदल दिया है. मैं इंदौर के जनभागीदारी मॉडल से भी बहुत प्रभावित हूँ.
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु इंदौर जिले में जिला पर्यावरण योजना बनाई गई है. उक्त योजना के जिले में प्रभावी क्रियान्वयन तथा योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा हेतु राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई. बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, वन विभाग, कृषि विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और जिले की समस्त प्रशासनिक टीम बधाई की पात्र हैं.
ग्राम पंचायत स्तर पर हो जनभागीदारी
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्वच्छता के क्षेत्र में जन भागीदारी सुनिश्चित हो. उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिए कि गांव में भी इंडीजीनस नर्सरी को प्रमोट करें. इससे ना केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि ग्रामीणजनों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिए भी लोगों में जागरूकता लाई जाए. यदि हमें अपने आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करना है तो पर्यावरण को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इंदौर पर फक्र महसूस होता है और उन्हें आशा है कि आगे आने वाले समय में भी इंदौर देश के लिए ऐसे ही उदाहरण पेश करता रहेगा.
इंदौर की वायु गुणवत्ता में आया उल्लेखनीय सुधार
बैठक में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने वर्ष 2015 के मई माह से स्वच्छता हेतु अपनाए गए विभिन्न मॉडलों का उल्लेख किया. बैठक में यह भी बताया गया कि इंदौर की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए किस तरह से प्रमुख उत्सर्जन क्षेत्रों की पहचान की गई. सभी के प्रयत्नों से इंदौर की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है. कलेक्टर श्री सिंह एवं निगमायुक्त ने इंदौर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु किये गये सभी प्रयासों को विस्तृत रूप से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद को बताया.
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