कभी सुना है कोई देश पानी का आयात कर रहा है? जी हाँ पानी का आयात. साइप्रस आजकल पानी का आयात कर रहा है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की साइप्रस भूमध्य सागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है। साइप्रस पूर्वी भूमध्य सागर में तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है। यंहा पानी का मुख्य स्रोत वर्षा और हिमपात है। सभी भूमध्य सागर तटीय देशों की तरह यहां पर बारीश सर्दियों में होती है। पिछले ३-४ सालों में साइप्रस में बारीश काफी कम हुई है और परिणाम स्वरूप यहाँ के जलस्रोत सूख गए हैं। यह ख़बर लिखे जाने के समय साइप्रस के जलाशयों में पानी की मात्रा उसकी कुल भण्डार क्षमता की ९ प्रतिशत ही रह गई है।
पानी की कमी को देखते हुए साइप्रस सरकार ने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को की जाने वाली पानी की आपूर्ति में मार्च माह से भारी कटौती शुरू कर दी है। अब घरों को पानी की आपूर्ति दो दिनों में सिर्फ़ बारह घंटे ही की जाती है।
इस गंभीर जल संकट से निपटने के लिए साइप्रस ने इस वर्ष अपने पड़ौसी देश यूनान (ग्रीस) से ८ मिलियन घन मीटर पानी का आयात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने एक स्थानीय जहाज कंपनी से समझौता किया है जो समुद्री टैंकरों से ग्रीस से पानी साइप्रस लाएगी।
साइप्रस सरकार इसके अलावा समुद्री पानी को शुद्ध करने के संयंत्र लगाने पर भी विचार कर रही है। साइप्रस में पहले से लरनाका में ऐसा एक संयंत्र है और दूसरा संयंत्र लिमासोल में लगाया जाएगा। पानी के आयात की यह ख़बर थोड़ी अटपटी भले ही लगे पर यह बदलते समय, मौसम और बढ़ती वैश्विक गर्मी (ग्लोबल वार्मिंग) को रेखांकित करती है और आगाह करती है हमें प्रकृति का सम्मान करने को और पानी बचाने को।
क्या भारत पानी का आयात नहीं करता ?
पानी की कमी को देखते हुए साइप्रस सरकार ने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को की जाने वाली पानी की आपूर्ति में मार्च माह से भारी कटौती शुरू कर दी है। अब घरों को पानी की आपूर्ति दो दिनों में सिर्फ़ बारह घंटे ही की जाती है।
इस गंभीर जल संकट से निपटने के लिए साइप्रस ने इस वर्ष अपने पड़ौसी देश यूनान (ग्रीस) से ८ मिलियन घन मीटर पानी का आयात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने एक स्थानीय जहाज कंपनी से समझौता किया है जो समुद्री टैंकरों से ग्रीस से पानी साइप्रस लाएगी।
साइप्रस सरकार इसके अलावा समुद्री पानी को शुद्ध करने के संयंत्र लगाने पर भी विचार कर रही है। साइप्रस में पहले से लरनाका में ऐसा एक संयंत्र है और दूसरा संयंत्र लिमासोल में लगाया जाएगा। पानी के आयात की यह ख़बर थोड़ी अटपटी भले ही लगे पर यह बदलते समय, मौसम और बढ़ती वैश्विक गर्मी (ग्लोबल वार्मिंग) को रेखांकित करती है और आगाह करती है हमें प्रकृति का सम्मान करने को और पानी बचाने को।
क्या भारत पानी का आयात नहीं करता ?
Path Alias
/articles/saaiparasa-karaegaa-paanai-kaa-ayaata
Post By: admin