साइंस और आर्ट्स की पढ़ाई एक साथ करवाने वाली मेडिकल ज्योग्राफी कुछ नया पढ़ने के लिए एक बेहतर विकल्प है। मेडिकल ज्योग्राफी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि यह न केवल दुनिया भर में सेहत समस्याओं की समझ उपलब्ध करवाती है, बल्कि सेहत को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों को समझते हुए स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी काम करती है।
मेडिकल साइंस और आर्टस को एक साथ पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए मेडिकल ज्योग्राफी एक बेहतर विकल्प है। इसमें आप ज्योग्राफी और मेडिकल साइंस की पढ़ाई एक साथ कर सकते हैं। इसके अलावा साइंस में कुछ नया पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी यह एक उपयुक्त कोर्स है। भूमि उपयोग, जनसंख्या, मौसम, मिट्टी और वनस्पति आदि का अध्ययन करने वाली ज्योग्राफी, मेडिकल ज्योग्राफी जैसे स्पेशलाइजेशन के साथ कॅरिअर के अवसरों में बढ़ोतरी कर रही है।चुनौतियाँ
ज्योग्राफर या भूगोलवेत्ताओं को डेटा इकट्ठा करते वक्त कई रुकावटों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहली समस्या, बीमारी वाली जगह का रिकॉर्ड तैयार करने से जुड़ी है। चूंकि लोग कई बार बीमार पड़ने पर डॉक्टर के पास नहीं जाते। ऐसे में बीमारी वाली जगह का सही डेटा जुटा पाना मुश्किल हो सकता है। दूसरी समस्या, बीमारी की सही पहचान से जुड़ी है। तीसरी मुश्किल, रोग की उपस्थिति की समय पर रिपोर्ट तैयार करने से संबंधित है।
मेडिकल ज्योग्राफी को हेल्थ ज्योग्राफी भी कहा जाता है। मेडिकल ज्योग्राफी मेडिकल रिसर्च का एक क्षेत्र है जिसमें दुनिया भर में सेहत का अध्ययन करने के लिए ज्योग्राफिक टेक्नीक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मेडिकल ज्योग्राफी इंसान की सेहत पर मौसम और जगह के प्रभाव का भी अध्ययन करती है। मेडिकल ज्योग्राफी एक महत्वूर्ण क्षेत्र है क्योंकि यह न केवल दुनिया भर में सेहत समस्याओं की समझ उपलब्ध करवाती है, बल्कि सेहत को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों को समझते हुए स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी काम करती है। आजकल मेडिकल ज्योग्राफी कई क्षेत्रों में इस्तेमाल की जाती है। यह कई विषयों को एक साथ जोड़ती है।
उदाहरण के तौर पर
1. ज्योग्राफी (स्थान और वहां रहने वाले इंसानों व अन्य लक्षणों के साथ बीमारी फैलाने वाले कारणों से संबंधित अध्ययन।
2. बॉयोलॉजी (बीमारियों का उत्पादन करने वाली प्रक्रिया का (अध्ययन)
3. मेडिसीन (किसी बीमारी के प्रति प्रतिक्रिया और बचाव से जुड़ा अध्ययन)
4. सोशल साइंसेज (राजनीति, अर्थशास्त्र, संस्कृति का अध्ययन)
कैसे करें प्रवेश
ज्योग्राफी भारत की यूनिवर्सिटीज में बड़े स्तर पर उपलब्ध विषय है। सोशल व फिजिकल साइंस के बीच मध्यस्थता वाली ज्योग्राफी कुछ संस्थानों में आर्टस के तहत और अन्य में साइंस के अंतर्गत पढ़ाई जाती है। 12वीं के बाद ज्योग्राफी में बीए या बीएससी की पढ़ाई की जा सकती है। ह्यूमन या मेडिकल ज्योग्राफी मास्टर्स लेवल पर पढ़ी जा सकती है। इसके अलावा ज्योग्राफी में एम/एमएससी करके भी छात्र मेडिकल ज्योग्राफी के क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।
विशेष योग्यता
फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में औषधिय गुणों वाले पौधों के देशी इस्तेमाल की खोज पर काम करना फायदेमंद साबित हो सकता है। ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम्स की समझ को अपनी विशिष्टता में शामिल करना भी आपके लिए अवसरों में बढ़ोतरी करेगा।
काम के अवसर
मेडिकल ज्योग्राफी रोजगार के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर अवसर उपलब्ध करवाती है। इस विषय की पढ़ाई के बाद आप पर्यावरण मुद्दों के लिए काम करने वाली रिसर्च एजेंसियों, जनसंख्या अध्ययन और ग्रामीण विकास क्षेत्रों, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, रिसर्च सेंटरों, ब्लिपक हेल्थ एजेंसियों और फार्मास्यूटिकल कंपनियों में काम कर सकते हैं।
यहां से करें कोर्स
मद्रास यूनिवर्सिटी
http://www.unom.ac.in/
एमएस यूनिवर्सिटी बड़ौदा
http://www.msubaroda.ac.in/
डॉ. एचएस गौड़ सागर यूनिवर्सिटी, सागर, मध्य प्रदेश
http://www.dhsgsu.ac.in/
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
http://jmi.ac.in/
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