रवि के आगे सुरगुरु


रवि के आगे सुरगुरु, ससि सुक्रा परबेस।
दिवस चु चौथे पाँचवें, रुधिर बहन्तो देस।।


भावार्थ- सूर्य के आगे वृहस्पति हों, चन्द्रमा शुक्र की परिधि में प्रवेश करें, तो उसके चौथे पाँचवें दिन देश में रक्त बहेगा।

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Post By: tridmin
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