पानी पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग कवर करता है। पृथ्वी में समुद्र, महासागरों, नदियों और झीलों में पानी के आलावा सतह के नीचे चट्टानों ,ग्लेशियरों और वायुमंडल में वाष्प के रूप में पानी मौजूद है और साथ ही हम इंसानो में भी लगभग 55 से 78% पानी हैं।
वही अब वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर पानी की उत्पत्ति भले ही यहां नहीं हुई हो, लेकिन सौर मंडल के बाहरी किनारों से ऐस्टरॉइड द्वारा हमारे ग्रह पर लाया गया था। जापान और अन्य देशों के वैज्ञानिकों ने छह साल के जापानी अंतरिक्ष मिशन पर एकत्र किए गए दुर्लभ नमूनों का विश्लेषण करने के बाद यह बात कही है।
नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित समाचार पत्र में, वैज्ञानिकों का कहना है कि रयुगु नामक एक ऐस्टरॉइड के नमूने इस रहस्य का सुराग दे सकते हैं कि अरबों साल पहले पृथ्वी पर महासागर कैसे दिखाई देता था ।
वही एएफपी (Agence France-Presse) ने नेचर एस्ट्रोनॉमी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन पर यह बात सामने रखी है कि , "वाष्पशील और कार्बनिक-आर्गेनिक सी-प्रकार के ऐस्टरॉइड पृथ्वी के पानी के मुख्य स्रोतों में से एक हो सकते हैं।" वे अनुमान लगाते हैं कि ऐसी सामग्री हमारे सौर मंडल के बाहर से भी यहां आई होगी।
हालांकि वह इसे केवल एकमात्र स्रोत नहीं मानते है एएफपी ने यह पूरा अध्ययन जापानी अंतरिक्ष जांच हायाबुसा -2 द्वारा रयुगु से ड्रिल की गई चट्टानों और धूल पर आधारित से किया, जो सौर मंडल से सबसे अधिक 'असंदूषित' सामग्री है।
धरती में पानी को लेकर कई अध्ययन समाने आ चुके है जून से पहले के एक अध्ययन ने दावा किया था कि कार्बनिक पदार्थ जो दिखाते हैं वे पृथ्वी पर जीवन के कुछ निर्माण खंड, अमीनो एसिड, अंतरिक्ष में बने हो सकते हैं।
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