उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 25 नवंबर 2021 को वाटर एजुकेशन लेक्चर सीरीज कार्यक्रम के अंतर्गत देवभूमि विज्ञान समिति, उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में "रिसेंट एडवांसेज इन वॉटर क्वालिटी एनालिसिस" विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में बोलते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया की विगत 5 जून 2021 को आयोजित किए गए पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न वैज्ञानिकों से विमर्श के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि प्रतिमाह प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में स्थित विद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा आम जनमानस के लिए तकनीकी का प्रयोग करते हुए जल शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिमाह विशेषज्ञों के व्याख्यानों का आयोजन किया जाए।
जिससे प्रेरित होकर विद्यार्थीगण जल संरक्षण तथा जल प्रबंधन की दिशा में अपना योगदान दे सकें तथा पर्वतीय अंचलों में स्थित विभिन्न जल स्रोतों का संवर्धन कर सकें।प्रोफेसर रावत ने अपने संबोधन में कहा कि आज सबसे अधिक आवश्यकता वाटर रिसोर्सेज इनफॉरमेशन सिस्टम को विकसित करने की है जिससे सही जानकारी सही समय पर प्राप्त हो सके तथा संबंधित दिशा में उचित प्रयास किए जा सके।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक वैज्ञानिक डॉक्टर भवतोष शर्मा ने बताया की यूसर्क द्वारा विगत वर्षों में जल गुणवत्ता प्रयोगशाला विकसित की गई है जिसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के छात्र-छात्राएं कार्य कर चुके हैं एवं कर भी रहे हैं। डॉ शर्मा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, विषय विशेषज्ञ तथा कार्यक्रम से जुड़े हुए देश व विदेश के विभिन्न प्रतिभागियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एरीज नैनीताल के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा देवभूमि विज्ञान समिति उत्तराखंड के ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में आज के व्याख्यान को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया तथा उत्तराखंड राज्य में स्थित विभिन्न छोटे-बड़े जल स्रोतों का वैज्ञानिक अध्ययन, उनकी जल गुणवत्ता का अध्ययन करने के लिए यूसर्क, एन आई एच रुड़की तथा एरीज नैनीताल को संयुक्त रूप से कार्य आगे बढ़ाने का आव्हान किया। उन्होंने आज के कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान को जल संसाधन उसके प्रबंधन आदि की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया तथा सभी प्रतिभागियों को जल संरक्षण करने जैसे आवश्यक कार्यों से जुड़ने का आव्हान किया।
आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व विशेषज्ञ राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की (जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राजेश सिंह ने "रिसेंट एडवांसेज इनवर्टर क्वालिटी एनालिसिस" विषय पर व्याख्यान दिया उन्होंने अपने व्याख्यान में जल गुणवत्ता विश्लेषण के क्षेत्र में आधुनिक समय में प्रचलित तकनीकी आधारित विभिन्न विधियों को उपस्थित प्रतिभागियों को बहुत ही रुचि पूर्वक समझाया । उन्होंने अपने व्याख्यान में पानी की गुणवत्ता को निर्धारित करने वाले पानी के रासायनिक, भौतिक जैविक तथा रेडियोलॉजिकल पैरामीटर्स के बारे में बताया। उन्होंने अपने व्याख्यान में जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग, लर्निंग कैसे की जाए कहां की जाए कब की जाए कितनी बार की जाए आदि पर वैज्ञानिक ढंग से समझाया। उन्होंने अपने व्याख्यान में जल स्रोत से जल के नमूने लेने की विधियां उनका रक्षण विश्लेषण आज आदि के बारे में तथा इनको प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों के बारे में बताया।
उन्होंने रिएजेंट वाटर, पानी के रंग, टर्बीदिटी, अल्कलिनिटी, कंडक्टिविटी, टीडीएस, टेंपरेचर, टेस्ट आदि का विश्लेषण करने वाले आधुनिक उपकरणों एवं विधियों को बताया। उन्होंने ऑटोटाइट्रेटर द्वारा एसिड बेस अनुमापन, रेडॉक्स, फोटोमीट्रिक टाइट्रेशन आदि के बारे में तकनीकी जानकारी प्रदान की। उन्होंने पानी में उपस्थित नाइट्रोजन फास्फोरस, फ्लोराइड, भारी धातु, पेस्टिसाइड, वोलेटाइल, नॉन वोलेटाइल कंपाउंड्स, फिनोल, घुलित ऑक्सीजन, बीओडी, सीओडी, तथा माइक्रोबियल एनालिसिस के बारे में विस्तारपूर्वक तकनीकी एवं वैज्ञानिक जानकारी उपस्थित प्रतिभागियों को प्रदान की। डॉ राजेश सिंह ने अपने व्याख्यान के बाद कार्यक्रम में उपस्थित उत्तराखंड राज्य के साथ साथ भारत के विभिन्न प्रांतों से जुड़े हुए प्रतिभागियों के अलावा विदेश से जुड़े हुए विद्यार्थियों के विभिन्न महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान भी प्रदान किया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर ओम प्रकाश नौटियाल ने करते हुए बताया की यूसर्क द्वारा जल संरक्षण, जल गुणवत्ता कार्यक्रमों को विगत 3 वर्ष से प्रदेश के विद्यार्थियों एवं आम जनमानस के लिए चलाया जा रहा है। डॉक्टर हेमवती नंदन, डॉ लोकेश जोशी, डॉ मंजू सुंदरियाल, डॉ राजेंद्र सिंह राणा, डॉ विपिन सती, डॉ संजय कुमार मौर्या, डॉ अवनीश चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आईसीटी टीम के ओम जोशी व राजदीप जंग ने संपूर्ण कार्यक्रम का तकनीकी संपादन किया तथा सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा कार्यक्रम में शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि के द्वारा प्रमुख रूप से सहयोग प्रदान किया गया।
/articles/raisaenta-edavaansaeja-ina-vaotara-kavaolaitai-enaalaisaisapara-onalaaina-ayaojana