उत्तर भारत के राज्य उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर और मध्यप्रदेश में स्थितर प्रमुख झीलों के अवसादन दर का आंकलन रेडियो धर्मी विधि से किया गया है। यह प्रमुख झीलें उत्तराखंड में, नैनीताल, भीमताल, समतल व कूचीयाताल झील, जम्मू एवं कश्मीर में मानसर और डल झील और मध्यप्रदेश में सागर एवं भोपाल झील है। इन झीलों का फैलाव क्षेत्र तथा पानी संचय करने की क्षमता में तीव्र गति से अवसाद जमा होने के कारण घट रही है अतः रेडियो धर्मी तत्व सीजिनियम-137 एवं लैड-210 द्वारा अवसाद की उम्र की गणना करने की विधि से इन झीलों के अवसाद जमा होने की दर का आंकलन किया गया है।
झीलों में अवसाद जमा होने की दर न्यूनतम एवं महत्तम दर से विभिन्नता दर्शाती है कि वहिकाओं द्वारा विभाजक के क्षेत्र में बहाकर लाये जाने वाले अवसाद गाद के कारण है। कुमॉऊ क्षेत्र में स्थित झीलों के मद पर अधिकतम पायी गयी है जबकि मानसर झील में बहुत कम है इसका प्रमुख कारण बढ़ता शहरीकरण, पर्यटन, सड़कों का निर्माण एवं मानवीय हस्तक्षेप है। प्रस्तुत प्रपत्र में, झीलों में अवसाद जमा होने की दर की कारणों व निवारणों की विस्तृत परिचर्चा की गयी है।
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झीलों में अवसाद जमा होने की दर न्यूनतम एवं महत्तम दर से विभिन्नता दर्शाती है कि वहिकाओं द्वारा विभाजक के क्षेत्र में बहाकर लाये जाने वाले अवसाद गाद के कारण है। कुमॉऊ क्षेत्र में स्थित झीलों के मद पर अधिकतम पायी गयी है जबकि मानसर झील में बहुत कम है इसका प्रमुख कारण बढ़ता शहरीकरण, पर्यटन, सड़कों का निर्माण एवं मानवीय हस्तक्षेप है। प्रस्तुत प्रपत्र में, झीलों में अवसाद जमा होने की दर की कारणों व निवारणों की विस्तृत परिचर्चा की गयी है।
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