रात्यो बोलै कागला


रात्यो बोलै कागला, दिन में बोलै स्याल।
कहै भड्डरी समुझि मन, निहचै परै अकाल।।


शब्दार्थ- कागला-कौआ। स्याल-गीदड़।

भावार्थ- यदि रात में कौआ बोले और दिन और दिन में गीदड़ तो भड्डरी के अनुसार निश्चित रूप से सूखा पड़ने वाला है।

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Post By: tridmin
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