घाघ और भड्डरी 19 Mar, 2010 . 1 min read Facebook Twitter SHARE रात दिना घमछाहीं। घाघ कहैं बरखा अब नाहीं।।भावार्थ- यदि रात में आकाश साफ रहे और दिन में धूप छाँह होती रहे तो घाघ का कहना है कि अब वर्षा नहीं होगी। Path Alias /articles/raata-dainaa-ghamachaahain Post By: tridmin Topic Sub Categories पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा Regions भारत Email Address View the discussion thread.