रात दिना घमछाहीं


रात दिना घमछाहीं।
घाघ कहैं बरखा अब नाहीं।।


भावार्थ- यदि रात में आकाश साफ रहे और दिन में धूप छाँह होती रहे तो घाघ का कहना है कि अब वर्षा नहीं होगी।

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Post By: tridmin
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