राम बाँस जहँ धँसै अचूका।
तहँ पानी की आस अखूटा।।
शब्दार्थ- राम बाँस- ऐसा बाँस जिसके सिरे पर नोकदार लोहा जड़ा हो।
भावार्थ- जिस स्थान पर रामबाँस बिना रुकावट के धँस जाये वहाँ कुआँ खोदने पर इतना पानी होगा कि कभी खत्म नहीं होगा।
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