राह में 238 \"रोड़े\"

जयपुर। रामगढ़ बांध को जीवन देने वाली बाण गंगा की राह में 238 एनिकट व छोटे तालाब रोड़ा बने हुए हैं। इन अवरोधकों की संख्या घटने के बजाय हर साल बढ़ती जा रही है। पहले मामूली बरसात में ही बाण गंगा व ताला नदी उफान मारने लगती थी, जबकि इन दिनों हुई बरसात से नदी के पास बने एनीकटों के गले भी तर नहीं हुए। बाणगंगा नदी के बहाव क्षेत्र के पहाड़ों व गांवों के पास 151 एनीकट बनाए गए हैं। गांवों में कुओं का जल स्तर बढ़ाने के लिए छोटे-बड़े 87 तालाब बनने से पहाड़ों का पानी नदी में नहीं आ रहा है। नदी के पाट को चीरते हुए कच्ची सड़कें बनाकर भी पानी के बहाव में बाधा डाल दी गई है।

पिछले दिनों हुए सर्वेक्षण के अनुसार, सिंचाई विभाग, वन विभाग, मृदा संरक्षण विभाग व ग्राम पंचायतों के माध्यम से बने 151 एनीकट नदी में पानी की आवक में रोड़ा बने हैं। सिंचाई विभाग ने बाणगंगा के उद्गम स्थल से रामगढ़ बांध व ताला नदी का सैटेलाइट के माध्यम से सर्वेक्षण करवाया, जिसमें पता चला कि 238 स्थानों पर एनीकट व तालाब बनाकर पानी को रोका गया है।

ये हैं रोड़े
ग्राम पंचायतों ने नरेगा के तहत भी एनीकट व तालाब बनाने का काम अब भी चला रखा है। दंताला गुजरान व बिलोद की पहाडियों के पानी को रोकने के लिए बड़े एनीकट का निर्माण चल रहा है।

सामरेड से डोडियाना की प्राचीन छतरी तक करीब सवा दो किलोमीटर चौड़े पाट के बीच में करीब पांच फीट ऊंची सड़क का निर्माण भी पानी की आवक में सबसे बड़ी बाधा बन गया है।

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