फॉरेंसिक साइंस, साइंस तो है लेकिन इसे केवल साइंस का ही पार्ट नहीं मान सकते हैं। केवल साइंस के स्टूडेंट ही इसकी पढ़ाई करें, ऐसी भी बाध्यता नहीं है। हां, साइंस के स्टूडेंट को इसे समझने में ज्यादा सहूलियत होती है। फॉरेंसिक साइंस अब विदेश में ही नहीं, देश में भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस क्षेत्र में नौकरियों की भरमार को देखते हुए स्टूडेंट्स का इस ओर तेजी से रुझान हो रहा है। फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई करने वाले के लिए पढ़ाई के तमाम ऑप्शंस हैं। आप चाहें तो डिप्लोमा कोर्स करें या फिर पीएचडी। अच्छी बात तो यह है कि हर स्तर पर नौकरी का स्कोप है। डिप्लोमा कोर्स करने के भी आप कैरियर शुरू कर सकते हैं। इसके बाद आप चाहें तो आगे की पढ़ाई करते जाएं और कैरियर को बढ़ाते जाएं।
फॉरेंसिक साइंस बेसिक रूप से अपराध से जुड़ा विज्ञान है और इसका इस्तेमाल भी सबसे अधिक अपराध का पता लगाने के क्षेत्र में ही होता है। आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ने के आसार हैं। अपराधियों का पता लगाने के लिए खून, थूक समेत शरीर के अन्य तरल पदार्थ की जांच की जाती है। अदालत भी फॉरेंसिक रिपोर्ट को अहम गवाह मानती है।
किन-किन क्षेत्रों में नौकरियां
गवर्नमेंट सेक्टर: पुलिस विभाग, सीबीआई, सीआईडी, फॉरेंसिक लेबोरेटरी, आईबी, बैंक, रक्षा मंत्रालय, सेना, कोर्ट, क्वालिटी कंट्रोल ब्यूरो, नारकोटिक्स डिपार्टमेंट, यूनिवर्सिटियां, अस्पताल और अन्य संगठन।
प्राइवेट सेक्टर: डिटेक्टिव एजेंसी, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, यूनिवर्सिटी, अस्पताल, सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी, लॉ फर्म आदि।
किन नामों से वैकेंसी
फॉरेंसिक एक्सपर्ट, फॉरेंसिक साइंटिस्ट, फॉरेंसिक इंवेस्टिगेटर, क्राइम सीन इन्वेस्टिगेटर, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट, डॉक्यूमेंट एक्सपर्ट, डॉक्यूमेंट एक्जामिनर, फ्रॉड एक्जामिनर, फॉरेंसिक एनालिस्ट, साइंटिफिक ऑफिसर, सिक्योरिटी एक्सपर्ट, फॉरेंसिक कंसलटेंट, डिटेक्टिव, इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर, टीचर/प्रोफेसर, क्राइम रिपोर्टर, फॉरेंसिक इंजिनियर, फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट, लॉ कंसलटेंट, गवर्नमेंट एक्जामिनर, इंस्ट्रक्टर, जेनेटिक एक्सपर्ट, इन्वायरन्मेंट एनालिस्ट, टेक्निशन, फॉरेंसिक मेडिकल एक्जामिनर जैसे कई क्षेत्रों में फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए रास्ते खुले हुए हैं। फॉरेंसिक साइंस, साइंस तो है लेकिन इसे केवल साइंस का ही पार्ट नहीं मान सकते हैं। केवल साइंस के स्टूडेंट ही इसकी पढ़ाई करें, ऐसी भी बाध्यता नहीं है। हां, साइंस के स्टूडेंट को इसे समझने में ज्यादा सहूलियत होती है।
फॉरेंसिक स्पीच
अब तो फॉरेंसिक स्पीच के रूप में भी इस क्षेत्र में एक नए अवसर पैदा हो गए है। फॉरेंसिक स्पीच में आवाज को परखने की जानकारी दी जाती है। इसमें आवाज का विश्लेषण किया जाता है। फॉरेंसिक स्पीच के विश्लेषण के आधार पर विदेशों में अपराधियों को पकड़ने के कई उदाहरण मिले हैं। फॉरेंसिक स्पीच में ट्रेंड स्टूडेंट्स के लिए विदेश में भी नौकरी के अवसर खुले हुए हैं। आने वाले समय में भारत में भी इसकी मांग बढ़ेगी ही बढ़ेगी। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हीयररिंग, मैसूर में फॉरेंसिक स्पीच साइंस की पढ़ाई होती है।
फॉरेंसिक साइंस के कोर्स
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक स्पीच साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक साइंस
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा क्रिमिनोलॉजी ऐंड फॉरेंसिक साइंस
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक अकाउंटिग
मास्टर ऑफ साइंस इन फॉरेंसिक साइंस
मास्टर ऑफ साइंस इन साइबर फॉरेंसिक ऐंड इंफॉर्मेशन सिक्यूरिटी
सर्टिफिकेट कोर्स ऑफ फॉरेंसिक अकाउंटिग ऐंड फ्रॉड डिटेक्शन
बैचलर ऑफ साइंस इन फॉरेंसिक साइंस
इंस्टीट्यूट्स
निम्न जगहों से फॉरेंसिक साइंस में बीएससी और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं:
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी ऐंड फारेंसिक साइंस, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, मुंबई
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हीयररिंग, मैसूर
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