फ्लोराइड का जहर पीने को मजबूर खैरा गाँव के लोग

fluoride water
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मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित हवेली खड़गपुर प्रखण्ड का खैरा गाँव फ्लोराइड से सबसे अधिक प्रभावित है। यहाँ शुद्ध पानी के लिये पाँच साल पूर्व शुरू कराए गए पेयजलापूर्ति की बड़ी योजना के कार्यारम्भ होने के बावजूद खैरावासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही हो सका है।

पेयजलापूर्ति योजना के शुरू होने के बाद लोगों में यह आस जगी थी कि बहुत जल्द खैरा के लोग पीने के शुद्ध पानी का सेवन कर पाएँगे लेकिन योजना का काम लगभग 65 प्रतिशत पूरा होने के बाद बन्द हो गया है। खैरा के ग्रामीणों के लिए बिहार के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नीतिश कुमार ने विश्वास यात्रा के क्रम में गाँव में फलोराइड से हो रही विकलांगता को देखते हुए पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास किया था।

इस योजना का कार्यभार पुंजलाईट नाम की कम्पनी को दिया गया था। जिसे 2012 में पूरा करना था। समय पर काम पूरा नहीं होने पर फिर 2014 तक का समय दिया गया था। लेकिन अब तक इस योजना को पूरा नहीं किया जा सका है। राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने भी लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग के प्रधान सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ योजना की समीक्षा की थी।

कार्य में लापरवाही के कारण पुंज लाईट कम्पनी को 6 जनवरी 2015 को कालीसूची में डाल दिया। सरकार के इस कदम के बाद पुंज लाईट कम्पनी पटना उच्च न्यायालय गई और सरकार के आदेश पर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश जारी किया। इसके बाद सरकार के प्रतिनिधि के द्वारा न्यायालय में शपथ पत्र दायर किया कर गया है।

पटना उच्च न्यायालय से इस मामले का निष्पादन होने के बाद ही सरकारी स्तर पर कोई निर्णय लिया जाएगा। बिहार में इस कम्पनी के द्वारा चार और जगहों पर काम किए जा रहे थे। 2010 में स्वास्थ्य विभाग ने के इस गाँव के लगभग 70 प्रतिशत लोग विकलांग घोषित किया गया था।

पुंज लाईट कम्पनी के द्वारा जलापूर्ति योजना का काम प्रारम्भ किया गया। इसके बाद झील स्थित पानी में इंटेक वेल का निर्माण कराया जा रहा था। इंटेक वेल से झील के निचले भाग में पानी पहुँचाने के लिये जहाँ केमिकल हाउस स्थित है, वहाँ इंटेक वेल से केमिकल हाउस तक जो पानी जिन विभागों की जमीन से ले जाना है, उससे अनापत्ति प्रमाण-पत्र आज तक नहीं दिया गया है।

.यह अनापत्ति प्रमाण पत्र पथ निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, वनविभाग से पाईप बिछाने के लिये लेना है। लेकिन आज तक उसका एनओसी नहीं लिया जा सका है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र के पचड़े में पेयजलापूर्ति योजना अधर में जहाँ लटक रही है। अगर काम शुरू हुआ तो काम का मुख्य रूप से इंटेक वेल से केमिकल हाउस तक पाईप लाना और खड़गपुर जमुई मुख्य मार्ग स्थित मनी नदी पर पीलर के सहारे पाईप को बिछाने में ही समय और समस्याएँ आएँगी।

बिहार के मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी जब तारापुर में किसान सम्मेलन का उद्घाटन करने आए थे तो तारापुर की विधायिका नीता चौधरी ने उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र न​ मिलने की समस्या से वाकिफ कराया था। सरकार की कोई पहल होती, इससे पहले मामला न्यायालय के पेंच में फँस गया।

जबकि खैरा के मामले की समीक्षा करने के बाद मुख्यमन्त्री जीतन राम मांझी ने खैरा में फ्लोराइड मुक्त जल आपूर्ति की योजना पूरा करने की समय सीमा मार्च 2015 तय की थी। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने बिहार स​हित राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है और उनसे छह सप्ताह में जवाब माँगा है।

मुंगेर में सिर्फ खैरा ही नहीं 114 टोले फ्लोराइड से प्रभावित है। लोक स्वास्थ्य​ अभियन्त्रण विभाग के कार्यपालक अभियन्ता देवेन्द्र कुमार बताते हैं कि पुंज लाईट कम्पनी को कालीसूची में डाल दिया गया है। विभाग के द्वारा दूसरा टेण्डर निकालना था। लेकिन मामला न्यायालय में जाने के कारण रुक गया है।
 

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Post By: Shivendra
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