फिल्टरेशन पिट से बढ़ेगा कुओं का जल स्तर

वर्षा की कमी व अत्यधिक दोहन के कारण भू जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। इससे भू जल भंडारण में कमी हो रही है। इसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने नाबार्ड की सहायता से कूप पुनर्भरण योजना बनाई। इसमें कुएं के समीप फिल्ट्रेशन पिट बनाकर कुएं का जल स्तर बढ़ाया जाएगा। इस पिट में वर्षा का जल इकट्ठा किया जाएगा। इसका ग्राम पंचायत क्षेत्र सिलोरा में पहला प्रदर्शनीय प्लांट लगाने के लिए भू-जल विभाग के पदाधिकारियों द्वारा सर्वे किया गया। सरपंच जितेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि, क्षेत्र के किसानों को आकर्षित करने तथा जल की समस्या से निजात पाने के लिए कूप द्वारा भू-जल कृत्रिम पुनर्भरण योजना के अंतर्गत पहला कुंआ तैयार किया जा रहा है। भू-जल विभाग के अरुण सक्सेना ने बताया कि, इससे भू-जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट में कमी आएगी तथा मानसून सत्र में इकट्ठा किया गया जल अकाल के दिनों में काम आएगा।
 

ऐसे बढ़ेगा भू-जल स्तर


इस योजना के अंतर्गत पुराने कुंए के पास फिल्ट्रेशन पिट बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 3 मीटर, चौड़ाई 1.5 मीटर तथा गहराई 1.3 मीटर होगी। इसमें मोटी बजरी, ग्रेवल बोल्डर का प्रयोग वर्षा जल को छानने के लिए किया जाएगा। यह जल इसमें फिल्टर होता हुआ फाइबर पाइप के जरिए कुएं में डाला जाएगा। भू-जल विभाग के कर्मी ने बताया कि इस योजना से न केवल कुएं का जल स्तर बढ़ेगा अपितु आस-पास के क्षेत्र व गांव के जल स्तर में भी वृद्घि होगी। सिलोरा सरपंच जितेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस क्षेत्र में पहला कुंआ गोदियाना रोड पर बनाया जा रहा है। इसके लिए लघु/सीमांत किसानों को 4 हजार रुपए तथा अन्य को प्रति कूप 2 हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगी।

 

 

मानसून पूर्व बनवाए पिट


भू-जल अधिकारियों ने किसानों से कहा कि वो मानसून पूर्व अपने खेत पर कुएं के पास फिल्ट्रेशन पिट बनवा लें। मानसून में इकट्ठा किया गया वर्षा का जल आने वाले समय में अति उपयोगी रहेगा। इससे खेत की नमी भी बरकरार रहेगी तथा फसलों में एक पानी कम देकर भी अच्छी फसल प्राप्त की जा सकेगी। इस प्रकार हम जल की एक-एक बूंद का सदुपयोग कर सकेंगे। इस अवसर पर ग्रामीण व विभागीय कर्मी मौजूद रहे।

किसानों को प्रायोगिक रुप से इस योजना का प्रदर्शन कर समझाया गया है। उन्हें फिल्ट्रेशन पिट के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस कारण पहला कूप यहां बनाया जा रहा है। हमारे क्षेत्र के किसानों ने इसे सराहा है।

जितेंद्र सिंह राठौड़, सरपंच

 

 

 

 

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