फागुन बदी सुदूज दिन, बादर होय न बीज।
बरसै सावन भादवा, साधौ खेलो तीज।।
शब्दार्थ- साधौ-सुहागिन स्त्री। बीज-बिजली।
भावार्थ- फागुन कृष्ण पक्ष की द्वितीया को यदि आकाश में बादल और बिजली न हो तो समझो सावन और भादों दोनों ही महीने में वर्षा होगी। इसलिए हे सुहागिनों! उल्लास के साथ तीज का त्योहार मनाओ।
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