एक व्यवसाय के रुप में पुस्तकालयाध्यक्षता (लाइब्रेरियनशिप) रोजगार के विविध अवसर प्रदान करती है। पुस्तकालय तथा सूचना-विज्ञान में आज करियर की अनेक संभावनाएं हैं। अर्हताप्राप्त लोगों को विभिन्न पुस्तकालयों तथा सूचना केन्द्रों में रोजगार दिया जाता है। प्रशिक्षित पुस्तकालय व्यक्ति अध्यापक तथा लाइब्रेरियन दोनों रूप में रोजगार के अवसर तलाश कर सकते हैं। वास्तव में, अपनी रुचि तथा पृष्ठभूमि के अनुरूप पुस्तकालय की प्रकृति चयन करना संभव है। लाइब्रेरियनशिप में पदनाम पुस्तकालयाध्यक्ष (लाइब्रेरियन), प्रलेखन अधिकारी, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष, उप पुस्तकालयाध्यक्ष, वैज्ञानिक (पुस्तकालय विज्ञान/प्रलेखन), पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, ज्ञान प्रबंधक/अधिकारी सूचना कार्यपालक, निदेशक/सूचना सेवा अध्यक्ष, सूचना अधिकारी तथा सूचना विश्लेषक हो सकते हैं।
• स्कूल,
• कॉलेज, विश्वविद्यालयों में;
• केन्द्रीय सरकारी पुस्तकालयों में;
• बैंकों के प्रशिक्षण केन्द्रों में;
• राष्ट्रीय संग्रहालय तथा अभिलेखागारों में;
• विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों में;
• आई.सी.ए.आर., सी.एस.आई.आर., डी.आर.डी.ओ., आई.सी.एस.एस.आर., आई.सी.एच.आर, आई.सी.एम.आर, आई.सी.एफ.आर.ई. आदि जैसे अनुसंधान तथा विकास केंद्रों में;
• विदेशी दूतावासों तथा उच्चायोगों में;
• विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक आदि जैसे अंतर्राष्ट्रीय केन्द्रों में;
• मंत्रालयों तथा अन्य सरकारी विभागों के पुस्तकालयों में;
• राष्ट्रीय स्तर के प्रलेखन केंद्रों में;
• पुस्तकालय नेटवर्क में;
• समाचार पत्रों के पुस्तकालय में ;
• न्यूज चैनल्स में;
• रेडियो स्टेशन के पुस्तकालयों में;
• सूचना प्रदाता संस्थाओं में इंडेक्स, सार संदर्भिका आदि तैयार करने वाली प्रकाशन कंपनियों में डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आदि जैसी विभिन्न डिजिटल लाइब्रेरी परियोजना में
• प्रशिक्षण अकादमियों में
विस्तृत तथा विशेष ज्ञान प्रदान करने में पुस्तकालयों की भूमिका को व्यापक रूप में स्वीकार किया जाता है। आज के संदर्भ में पुस्तकालयों को दो विशिष्ट भूमिकाएं निभानी हैं। पहली, सूचना तथा ज्ञान के स्थानीय केंद्र के रूप में कार्य करने की और दूसरी राष्ट्रीय एवं विश्व ज्ञान के स्थानीय केंद्र के रूप में। राष्ट्रीय आयोग के विचाराधीन कुछ मामले निम्नलिखित हैं :
• पुस्तकालयों का सांस्थानिक ढांचा नेटवर्किंग
• शिक्षा, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान पुस्तकालयों का आधुनिकीकरण एवं कम्प्यूटरीकरण,
• निजी तथा व्यक्तिगत संकलनों का रख-रखाव, और
• बदल रही आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टाफ की आवश्यकताएं
इस आयोग ने, भारत में पुस्तकालय नेटवर्क को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय आयोग का गठन करने की सिफारिश की है। संस्कृति विभाग ने एक केन्द्रीय क्षेत्र योजना के रुप में एक राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन (एनएमएल) स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। एन.एम.एल. संस्कृति विभाग के अधीन पुस्तकालयों को शामिल करेगा और इसके कार्य निम्नलिखित होंगे। राष्ट्रीय पुस्तकालय गणना, संस्कृति विभाग के अधीन पुस्तकालयों की नेटवर्किंग सहित आधुनिकीकरण, ज्ञान केंद्रों तथा डिजिटल पुस्तकालयों की स्थापना करना। हाल ही में राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के अधीन देश भर में इंटरनेट की सुविधा युक्त कम्प्यूटर वाले 7000 पुस्तकालय स्थापित करने का प्रस्ताव है।
यह सिफारिश की गई थी कि पुस्तकालय एवं सूचना सहायक के स्तर पर प्रारंभिक भर्ती सीधे की जाए। इसके लिए योग्यता अपेक्षा स्नातक तथा बीएलआईएससी डिग्री होगी।
इस तरह पुस्तकालयाध्यक्षता (लाइब्रेरियनशिप) के अवसर उज्जवल हैं। पुस्तकालय एवं सूचना-विज्ञान (एलआईएस) में करियर बहु-आयामी, उज्जवलशील है और समृद्धि तथा प्रगति के समाज के ज्ञान आधार को समृद्ध करने वाला है।
• पुस्तकालय एव सूचना विज्ञान में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (सीएलआईएससी या सी.लिब.) पात्रता 10+2
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डी.एल.आई.एस.सी. या डी.लिब) पात्रता : 10+2
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बी.एल.आई.एस.सी. या बी.लिब.) पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय में किसी भी विषय में स्नातक ।
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में मास्टर (एम.एल.आई.एस.सी. या एम. लिब.) पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बी.एल.आई.एस.सी अथवा बी.लिब.
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल. पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एम.एल.आई.एस.सी. अथवा एम.लिब.
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में पीएचडी पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एम.एल.आई.एस.सी.
विभिन्न पाठ्यक्रमों में पाठ्यक्रम के नाम तथा अर्हता अंक अलग-अलग विश्वविद्यालय में अलग-अलग हो सकते हैं। पहले इस विषय को पुस्तकालय विज्ञान कहा जाता था किंतु अब सूचना के विस्तार के कारण पुस्तकालय विज्ञान सूचना विज्ञान में परिवर्तित हो रहा है।
कुछ विश्वविद्यालयों ने पाठ्यक्रम के नाम में यह शब्द जोड़ा है, किंतु पुस्तकालय शब्द नहीं हटाया है। इस तरह कुछ विश्वविद्यालय निम्नलिखित डिग्री प्रदान करते हैं- पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बी.एल.आई.एस.सी.) और पुस्तकालय तथा सूचना विज्ञान में मास्टर (एम-एल.आई.एस.सी.), पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल और पुस्तकालय तथा सूचना विज्ञान में पीएचडी।
कुछ विश्वविद्यालय निम्नलिखित डिग्री प्रदान करते हैं : पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक (बी.लिब.) और पुस्तकालय विज्ञान में मास्टर (एम.लिब.) पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल और पुस्तकालय विज्ञान में पीएचडी।
सूचना तैयार करने, भंडार करने, उसमें सुधार करने तथा उसे प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तकालयों तथा सूचना केन्दों में अब कम्प्यूटर तथा सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर.) नई दिल्ली के अधीन निस्केयर सूचना विज्ञान में एसोशिएटशिप (एआईएस) प्रदान करने के लिए एक दो वर्षीय कार्यक्रम संचालित करता है और प्रलेखन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (डीआरटीसी), भारतीय सांख्यिकी संस्थान (बंगलौर) में प्रलेखन तथा सूचना विज्ञान में एसोशिएटशिप (एडीईएस) चलाता है। यह अवार्ड एमएलआईएससी डिग्री के समकक्ष रूप में मान्यताप्राप्त भी है। इन दोनों पाठ्यक्रमों की रोजगार बाजार में अच्छी प्रतिष्ठा है। पुस्तकालयों में कम्प्यूटर तथा सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते हुए प्रयोग को ध्यान में रखते हुए भारत में भी कई विश्वविद्यालयों ने मुख्य रुप से सूचना प्रौद्योगिकी तथा कम्प्यूटर पर बल देते हुए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं।
लगभग 80 विश्वविद्यालय विभाग एलआईएस पाठ्यक्रम चलाते हैं। यह पाठ्यक्रम सुदूर अध्ययन पद्धति द्वारा भी उपलब्ध है। दो संस्कृत विश्वविद्यालय अर्थात के.एस. दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (बिहार) और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी) क्रमशः पुस्तकालय विज्ञान शास्त्री (9 महीने) और ग्रंथालय विज्ञान शास्त्री (एक वर्षीय) पाठ्यक्रम चलाते हैं। संस्कृत भाषा का ज्ञान एक अनिवार्य अपेक्षा है। एलआईएस निम्नलिखित विश्वविद्यालयों/संस्थानों में उपलब्ध हैं:
• अलगप्पा विश्वविद्यालय, कराइकुड़ी
• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
• इलाहाबाद विश्वविद्यालय
• अन्नामलाई विश्वविद्यालय अन्नालाईनगर
• अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
• बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
• बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
• बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
• देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
• डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
• डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर
• गुलबर्ग विश्वविद्यालय, गुलबर्ग
• गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर
• गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
• डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर
• एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल
• जादवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
• जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
• कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
• कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
• नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर
• पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग
• पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर
• पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
• पटना विश्वविद्यालय, पटना
• पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला
• रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर
• सम्बलपुर विश्वविद्यालय, सम्बलपुर
• एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई
• दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
• हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद
• जम्मू विश्वविद्यालय जम्मू (तवी)
• कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर
• लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
• मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नै
• मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर
• पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
• राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
• विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन
• उ.प्र. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इलाहाबाद (सुदूर शिक्षा)
• इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (सुदूर शिक्षा)
वेतन संगठनों की प्रकृति के आधार पर भिन्न-भिन्न है। अनेक कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों ने पुस्तकालय-स्टाफ के लिए विअआ वेतनमान लागू किए हैं। केन्द्रीय सरकार की बड़ी संस्थापनाओं की संघटक इकाइयां जैसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) वैज्ञानिक स्टाफ पर यथा लागू वेतनमान देती है। कार्य-निष्पादन के आवधिक अंतराल पर मूल्यांकन के आधार पर उन्नति के अवसर इस कार्य को आकर्षक बनाते हैं।
अच्छा शैक्षिक रिकार्ड तथा कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी में पर्याप्त कौशल रखने वाले व्यक्ति इस व्यवसाय में आकर्षक करियर बना सकते हैं।
(लेखिका पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। ई-मेल: drbabitajaiswal@gmail.com)
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• स्कूल,
• कॉलेज, विश्वविद्यालयों में;
• केन्द्रीय सरकारी पुस्तकालयों में;
• बैंकों के प्रशिक्षण केन्द्रों में;
• राष्ट्रीय संग्रहालय तथा अभिलेखागारों में;
• विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों में;
• आई.सी.ए.आर., सी.एस.आई.आर., डी.आर.डी.ओ., आई.सी.एस.एस.आर., आई.सी.एच.आर, आई.सी.एम.आर, आई.सी.एफ.आर.ई. आदि जैसे अनुसंधान तथा विकास केंद्रों में;
• विदेशी दूतावासों तथा उच्चायोगों में;
• विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक आदि जैसे अंतर्राष्ट्रीय केन्द्रों में;
• मंत्रालयों तथा अन्य सरकारी विभागों के पुस्तकालयों में;
• राष्ट्रीय स्तर के प्रलेखन केंद्रों में;
• पुस्तकालय नेटवर्क में;
• समाचार पत्रों के पुस्तकालय में ;
• न्यूज चैनल्स में;
• रेडियो स्टेशन के पुस्तकालयों में;
• सूचना प्रदाता संस्थाओं में इंडेक्स, सार संदर्भिका आदि तैयार करने वाली प्रकाशन कंपनियों में डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आदि जैसी विभिन्न डिजिटल लाइब्रेरी परियोजना में
• प्रशिक्षण अकादमियों में
विस्तृत तथा विशेष ज्ञान प्रदान करने में पुस्तकालयों की भूमिका को व्यापक रूप में स्वीकार किया जाता है। आज के संदर्भ में पुस्तकालयों को दो विशिष्ट भूमिकाएं निभानी हैं। पहली, सूचना तथा ज्ञान के स्थानीय केंद्र के रूप में कार्य करने की और दूसरी राष्ट्रीय एवं विश्व ज्ञान के स्थानीय केंद्र के रूप में। राष्ट्रीय आयोग के विचाराधीन कुछ मामले निम्नलिखित हैं :
• पुस्तकालयों का सांस्थानिक ढांचा नेटवर्किंग
• शिक्षा, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान पुस्तकालयों का आधुनिकीकरण एवं कम्प्यूटरीकरण,
• निजी तथा व्यक्तिगत संकलनों का रख-रखाव, और
• बदल रही आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टाफ की आवश्यकताएं
इस आयोग ने, भारत में पुस्तकालय नेटवर्क को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय आयोग का गठन करने की सिफारिश की है। संस्कृति विभाग ने एक केन्द्रीय क्षेत्र योजना के रुप में एक राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन (एनएमएल) स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। एन.एम.एल. संस्कृति विभाग के अधीन पुस्तकालयों को शामिल करेगा और इसके कार्य निम्नलिखित होंगे। राष्ट्रीय पुस्तकालय गणना, संस्कृति विभाग के अधीन पुस्तकालयों की नेटवर्किंग सहित आधुनिकीकरण, ज्ञान केंद्रों तथा डिजिटल पुस्तकालयों की स्थापना करना। हाल ही में राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के अधीन देश भर में इंटरनेट की सुविधा युक्त कम्प्यूटर वाले 7000 पुस्तकालय स्थापित करने का प्रस्ताव है।
यह सिफारिश की गई थी कि पुस्तकालय एवं सूचना सहायक के स्तर पर प्रारंभिक भर्ती सीधे की जाए। इसके लिए योग्यता अपेक्षा स्नातक तथा बीएलआईएससी डिग्री होगी।
इस तरह पुस्तकालयाध्यक्षता (लाइब्रेरियनशिप) के अवसर उज्जवल हैं। पुस्तकालय एवं सूचना-विज्ञान (एलआईएस) में करियर बहु-आयामी, उज्जवलशील है और समृद्धि तथा प्रगति के समाज के ज्ञान आधार को समृद्ध करने वाला है।
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में पाठ्यक्रम
• पुस्तकालय एव सूचना विज्ञान में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (सीएलआईएससी या सी.लिब.) पात्रता 10+2
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डी.एल.आई.एस.सी. या डी.लिब) पात्रता : 10+2
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बी.एल.आई.एस.सी. या बी.लिब.) पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय में किसी भी विषय में स्नातक ।
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में मास्टर (एम.एल.आई.एस.सी. या एम. लिब.) पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बी.एल.आई.एस.सी अथवा बी.लिब.
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल. पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एम.एल.आई.एस.सी. अथवा एम.लिब.
• पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में पीएचडी पात्रता : किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एम.एल.आई.एस.सी.
विभिन्न पाठ्यक्रमों में पाठ्यक्रम के नाम तथा अर्हता अंक अलग-अलग विश्वविद्यालय में अलग-अलग हो सकते हैं। पहले इस विषय को पुस्तकालय विज्ञान कहा जाता था किंतु अब सूचना के विस्तार के कारण पुस्तकालय विज्ञान सूचना विज्ञान में परिवर्तित हो रहा है।
कुछ विश्वविद्यालयों ने पाठ्यक्रम के नाम में यह शब्द जोड़ा है, किंतु पुस्तकालय शब्द नहीं हटाया है। इस तरह कुछ विश्वविद्यालय निम्नलिखित डिग्री प्रदान करते हैं- पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बी.एल.आई.एस.सी.) और पुस्तकालय तथा सूचना विज्ञान में मास्टर (एम-एल.आई.एस.सी.), पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल और पुस्तकालय तथा सूचना विज्ञान में पीएचडी।
कुछ विश्वविद्यालय निम्नलिखित डिग्री प्रदान करते हैं : पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक (बी.लिब.) और पुस्तकालय विज्ञान में मास्टर (एम.लिब.) पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.फिल और पुस्तकालय विज्ञान में पीएचडी।
सूचना तैयार करने, भंडार करने, उसमें सुधार करने तथा उसे प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तकालयों तथा सूचना केन्दों में अब कम्प्यूटर तथा सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर.) नई दिल्ली के अधीन निस्केयर सूचना विज्ञान में एसोशिएटशिप (एआईएस) प्रदान करने के लिए एक दो वर्षीय कार्यक्रम संचालित करता है और प्रलेखन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (डीआरटीसी), भारतीय सांख्यिकी संस्थान (बंगलौर) में प्रलेखन तथा सूचना विज्ञान में एसोशिएटशिप (एडीईएस) चलाता है। यह अवार्ड एमएलआईएससी डिग्री के समकक्ष रूप में मान्यताप्राप्त भी है। इन दोनों पाठ्यक्रमों की रोजगार बाजार में अच्छी प्रतिष्ठा है। पुस्तकालयों में कम्प्यूटर तथा सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते हुए प्रयोग को ध्यान में रखते हुए भारत में भी कई विश्वविद्यालयों ने मुख्य रुप से सूचना प्रौद्योगिकी तथा कम्प्यूटर पर बल देते हुए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं।
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में पाठ्यक्रम (एलआईएस) प्रस्तुत करने वाले विश्वविद्यालय
लगभग 80 विश्वविद्यालय विभाग एलआईएस पाठ्यक्रम चलाते हैं। यह पाठ्यक्रम सुदूर अध्ययन पद्धति द्वारा भी उपलब्ध है। दो संस्कृत विश्वविद्यालय अर्थात के.एस. दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (बिहार) और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी) क्रमशः पुस्तकालय विज्ञान शास्त्री (9 महीने) और ग्रंथालय विज्ञान शास्त्री (एक वर्षीय) पाठ्यक्रम चलाते हैं। संस्कृत भाषा का ज्ञान एक अनिवार्य अपेक्षा है। एलआईएस निम्नलिखित विश्वविद्यालयों/संस्थानों में उपलब्ध हैं:
• अलगप्पा विश्वविद्यालय, कराइकुड़ी
• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
• इलाहाबाद विश्वविद्यालय
• अन्नामलाई विश्वविद्यालय अन्नालाईनगर
• अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
• बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
• बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
• बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
• देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
• डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
• डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर
• गुलबर्ग विश्वविद्यालय, गुलबर्ग
• गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर
• गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
• डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर
• एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल
• जादवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
• जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
• कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
• कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
• नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर
• पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग
• पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर
• पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
• पटना विश्वविद्यालय, पटना
• पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला
• रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर
• सम्बलपुर विश्वविद्यालय, सम्बलपुर
• एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई
• दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
• हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद
• जम्मू विश्वविद्यालय जम्मू (तवी)
• कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर
• लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
• मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नै
• मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर
• पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
• राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
• विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन
• उ.प्र. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इलाहाबाद (सुदूर शिक्षा)
• इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (सुदूर शिक्षा)
पुस्तकालय तथा सूचना व्यवसाय में वेतन
वेतन संगठनों की प्रकृति के आधार पर भिन्न-भिन्न है। अनेक कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों ने पुस्तकालय-स्टाफ के लिए विअआ वेतनमान लागू किए हैं। केन्द्रीय सरकार की बड़ी संस्थापनाओं की संघटक इकाइयां जैसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) वैज्ञानिक स्टाफ पर यथा लागू वेतनमान देती है। कार्य-निष्पादन के आवधिक अंतराल पर मूल्यांकन के आधार पर उन्नति के अवसर इस कार्य को आकर्षक बनाते हैं।
अच्छा शैक्षिक रिकार्ड तथा कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी में पर्याप्त कौशल रखने वाले व्यक्ति इस व्यवसाय में आकर्षक करियर बना सकते हैं।
(लेखिका पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। ई-मेल: drbabitajaiswal@gmail.com)
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