उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण़्ड क्षेत्र में मौजूदा सूखे एवं जल संकट की गम्भीरता से हम सभी परिचित हैं। जल जन जोड़ो अभियान भी लगातार सरकारी अधिकारियों के सम्पर्क में है ताकि क्षेत्र में सूखे के असर को कम करने तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के दीर्घकालिक उपाय तलाश किए जा सकें। इस सिलसिले में जल जन जोड़ो अभियान की टीम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन और प्रधान सचिव सिंचाई विभाग श्री दीपक सिंहल से मुलाकात कर उनको क्षेत्र में सूखे की गम्भीरता से अवगत कराया। श्री राजेंद्र सिंह ने भी उनसे विकेंद्रित सामुदायिक जल प्रबंधन के तौर तरीकों पर चर्चा की। उत्तर प्रदेश सरकार ने सूखे से निपटने के स्थायी उपाय के रूप में पारम्परिक तालाबों के पुनरोद्धार के सुझाव को गम्भीरता से लिया है।
यही वजह है कि उसने इस क्षेत्र के 100 तालाबों (50 महोबा जिले में और 50 बुन्देलखण़्ड के अन्य जिलों में) का युद्ध स्तर पर पुनरोद्धार करने की घोषणा की। आशा है कि यह काम मॉनसून के आगमन से पहले पूरा हो जाएगा। महोबा जिले के चरखारी कस्बे में 8 तालाबों के पुनरोद्धार का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। ये सभी तालाब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। चरखारी को समूचे बुन्देलखण़्ड इलाके में बेहतरीन पुरानी जल प्रबंधन व्यवस्था के लिये जाना जाता है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 3 जून 2016 को श्री राजेंद्र सिंह के साथ चरखारी पहुँचे और उन्होंने ये 8 तालाब जनता को सौंपे।
उन्होंने इस काम में श्री राजेंद्र सिंह और संजय सिंह के योगदान और उनकी प्रेरणा की सार्वजनिक रूप से सराहना की। प्रदेश सरकार का सिंचाई विभाग जल्दी ही इस इलाके के 100 पारम्परिक तालाबों का काम पूरा कर लेगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि मनरेगा योजना के तहत क्षेत्र के 4000 तालाबों का पुनरोद्धार किया जाएगा। उन्होंने लोगों में यह उम्मीद भी जगाई कि चंद्रवाल और लखेरी बांधों के कायाकल्प के काम में तेजी लाई जाएगी।
इन 100 तालाबों का पुनरोद्धार हो जाने के बाद आसपास की करीब 10000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा मिलने लगेगी। इससे क्षेत्र में भूजल रिचार्ज भी बढ़ेगा। प्रदेश में जनहित को ध्यान में रखते हुए इतने कम समय में 100 जल स्रोतों की बहाली का जो महत्त्वपूर्ण काम किया जा रहा है वह अन्य राज्यों के लिये नजीर बनेगा।
जल जन जोड़ो अभियान को उम्मीद है कि सामुदायिक स्तर पर बेहतर प्रबंधन की मदद से इस क्षेत्र के पारम्परिक तालाबों का रखरखाव और प्रबंधन किया जा सकेगा। श्री राजेंद्र सिंह भी इस सिलसिले में निरंतर बुन्देलखण्ड के अलग-अलग इलाकों की यात्रा कर रहे हैं।
टीम, जल जन जोड़ो अभियान
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