पत्र : नैनी झील के गिरते जलस्तर एवं झील संरक्षण के सम्बन्ध में


सेवा में,
श्रद्धेय नरेन्द्र मोदी जी,
मा. प्रधानमंत्री, भारत सरकार।


विषयः- नैनी झील के गिरते जलस्तर एवं झील संरक्षण के सम्बन्ध में।

महोदय,
राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नैनीताल उत्तराखण्ड राज्य का एक महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। इस औपनिवेशिक शहर की पैदाइश का ताना-बाना एक अदद नैनी झील पर है। अपने सम्मोहित करने वाले अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहारी क्रियाकलापों एवं आदर्श जलवायु दशाओं के साथ-साथ यह नैनीझील लगभग एक लाख स्थायी जनसंख्या एवं ग्रीष्म काल में लगभग 10 लाख की घुमन्तू जनसंख्या को पेयजल की आपूर्ति का एकमात्र स्रोत है।

विगत अनेक वर्षों से मानवीय दबाव जनित कारणों एवं तंत्र की उपेक्षा से झील की सिकुड़न एवं झील के जलस्तर की लगातार कमी तथा इसके साथ ही संलग्न कैचमेंट के समग्र पारिस्थितिकी तंत्र की दुर्दशा का परिचायक है।

वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी के प्रयासों से इस झील को केन्द्रीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना सन 2003-04 के अंतर्गत आच्छादित किया जा चुका है। झील के प्राकृतिक स्वरूप को यथावत रखते हुए इसको पुनर्जीवित तथा इसकी रक्षा एवं संरक्षण के प्रयास, सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ पेयजल की समस्या के दीर्घकालीन समाधान की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कदम होंगे।

महोदय पर्यटक नगरी नैनीताल की नैनीझील की दशा के आलोक में एक संवेदनशील शहरी के नाते मेरे द्वारा तैयार किया गया आलेख जिसमें नैनीझील वर्तमान अस्मिता के संकट के लिये कारणों के विश्लेषण के साथ इसके सुधार के लिये भविष्यगत सुधार भी प्रस्तुत हैं, आपके अवलोकनार्थ संलग्न है।

विचारार्थ एवं यथा योग्य कार्यवाही हेतु सेवार्थ।

दिनांक: 20-4-2017
भवदीय
(जी.एल.साह)
से.नि.आचार्य, (भूगोल विभाग) कु.वि.वि., नैनीताल नन्दा देवी, भाबर हॉल कम्पाउण्ड, जू रोड, तल्लीताल, नैनीताल।

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