पतली पेंडुली मोटी रान। पूँछ होय भुइँ में तरियान।।
जाके होवै ऐसी गोई। वाको तकैं और सब कोई।।
शब्दार्थ- गोई- बैलों की जोड़ी।
भावार्थ- जिस बैल की पेंडुली पतली हो, रान मोटी हो और पूँछ लम्बी तथा भूमि को छूती हुई हो, ऐसे बैल की जोड़ी जिस किसान के पास होगी उसकी ओर सबकी दृष्टि जायेगी।
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