पर्यावरण को बचाने के लिये निकल पड़े साइकिल पर

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चण्डीगढ़: सड़क पर बढ़ रहे वाहन प्रदूषण के अहम कारण हैं। इसलिये ऐसे कारणों के प्रति लोगों को जागरूक कर प्रदूषण रहित यातायात के लिये उपयुक्त विकल्पों पर जोर देना आज हर किसी के लिये जरूरी है। शहर के सेक्टर-41 निवासी राजीव कुमार लोगों को यही सन्देश दे रहे हैं। राजीव कुमार शहर के लोगों को ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी जागरूक करने में जुटे हैं। वह बीते 24 वर्षों से लोगों को पेट्रोल व डीजल से रफ्तार भरने वाली गाड़ियों का कम इस्तेमाल करने का सन्देश देने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी मंशा साइकिलिंग को बढ़ावा देने की है। खास बात यह है कि वह अब तक करीब छह राज्यों का साइकिल से भ्रमण कर चुके हैं। राजीव कुमार साइकिल के अलावा किसी अन्य वाहन का प्रयोग नहीं करते। उनकी इस मुहिम से ज्यादा-से-ज्यादा लोग जुड़ें, इसके लिये उन्होंने खुद ही अपनी साइकिल विशेष तौर पर डिजाइन की है।

अभी तक राजीव 13 साइकिल डिजाइन कर चुके हैं। उनका यह प्रयास लोगों को आकर्षित करता है। अपनी 13वीं साइकिल पर सवार होकर वह इन दिनों चण्डीगढ़ से मुम्बई के लिये निकले हैं। राजीव की इस साइकिल की ऊँचाई 8.6 फीट है। उनका दावा है कि उसकी ऊँचाई 10.4 फीट तक हो सकती है। राजीव खुद डिजाइन की गई साइकिल पर चण्डीगढ़ को भी प्रमोट करने के लिये विशेष तौर पर प्रयास करते रहे हैं। हर बार चण्डीगढ़ के किसी एक स्थान का मॉडल बनाकर साइकिल के साथ लगाते हैं। उन्होंने अपनी 13वीं साइकिल के साथ भी ओपन हैंड का मॉडल लगाया है, ताकि लोगों को दूर से देखते ही पता चले कि यह व्यक्ति चण्डीगढ़ का है।

दसवीं में की थी शुरुआत

राजीव ने बताया कि साइकिल चलाने का शौक उन्हें बचपन से ही है। उन्होंने बताया कि 10वीं में पढ़ते हुए मुझे शौक जगा कि ऐसा काम करना है जिसे कोई दूसरा नहीं करता हो। मैं साइकिल चलाकर पूरा देश घूमना चाहता था। उसके लिये मैंने सबसे पहले एक वर्कशॉप खोली। वर्कशॉप में मैंने खुद ही साइकिल को डिजाइन करना शुरू किया। जब खुद की डिजाइन की गई साइकिल लेकर सड़क पर निकलता हूँ तो मुझे देखने के लिये सभी की निगाह ठहर जाती है। हर कोई मुझसे मिलने के लिये उत्सुक दिखता है। उन्होंने बताया कि साइकिलिंग के सपने को पूरा करने के अलावा समाज के लिये कुछ करना चाहता हूँ। इसलिये साइकिल पर चलते हुए मैं हर किसी को सन्देश देता हूँ कि गाड़ियों के बजाय साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल करें। इसके इस्तेमाल से जहाँ इन्सान की खुद की सेहत ठीक रहती है, वहीं पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

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