उत्तर - सबसे पहले तो ग्राम पंचायतों को पंजीकरण के आवेदनों की छंटनी कर उन्हें ‘पंजीकृत’ करना है। इसका मतलब है संभावित मजदूरों का पंजीकरण करना, उन्हें जाब कार्ड जारी करना, रोजगार के लिए दिए गए आवेदनों को प्राप्त करना, उन्हें कार्यक्रम अधिकारी को भेजना, और काम उपलब्ध हो तो आवेदकों को उसकी सूचना देना। पंजीकरण और रोजगार पाने के आवेदन सीधे कार्यक्रम अधिकारी को भी प्रेषित किए जा सकते हैं, पर उम्मीद सामान्य रूप से यही है कि वे ग्राम पंचायत के स्तर पर ही जमा किए जाएंगे। उम्मीद यह रखी गई है कि ग्राम पंचायत, ग्राम सभा की अनुशंसाओं के आधार पर अपने ग्राम के लिए एक ‘विकास योजना’ बनाएगी और रोजगार गारंटी योजना के तहत ‘संभावित कार्यों’ की सूची तैयार करेगी। इसके बाद जब कार्यक्रम अधिकारी परियोजनाओं की स्वीकृति देगा तो ग्राम पंचायत उन्हें क्रियान्वित भी करेगी। इन परियोजनाओं से संबंधित सभी दस्तावेज मस्टर रोल के साथ ग्राम सभा को सामाजिक अंकेक्षण के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। रोजगार गांरटी योजना के तहत ग्राम पंचायत द्वारा क्रियान्वित करवाए गए सभी कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी ग्राम सभा तथा कार्यक्रम अधिकारी की होगी।
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