प्रश्न - नरेगा के तहत मजदूर काम का आवेदन किस प्रकार करेंगे?

उत्तर
यह मूलत: दो चरणों की प्रक्रिया है। पहला चरण है ग्राम पंचायत में अपना ‘पंजीकरण’ करवाना। दूसरा चरण है काम का आवेदन देना। पंजीकरण पांच वर्षों में एक बार ही करवाना होगा परन्तु काम का आवेदन जितनी बार काम की जरूरत पड़े उतनी बार करना होगा। पंजीकरण का मुख्य उद्देश्य है कामों का नियोजन आसान बनाना। अगर कोई परिवार पंजीकरण का आवेदन करता है तो यह ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होगी कि वह उसका पंजीकरण कर उसे एक ‘जाब कार्ड’ दे। जाब कार्ड यह सुनिश्चित करेगा कि मजदूरों के पास भी इस बात का लिखित रिकार्ड हो कि उन्होंने कितने दिन काम किया, उन्हें कितना भुगतान किया गया, बेरोजगारी भत्ता कब और कितना मिला आदि। इससे उन्हें इस सूचना के लिए किसी सरकारी अधिकारी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। जाब कार्ड भी कम से कम पांच वर्ष के लिए मान्य होगा।

काम के लिए आवेदन किसी भी समय, ग्राम पचायत के द्वारा या सीधे कार्यक्रम अधिकारी को दिया जा सकता है। दोनों का ही यह फर्ज है कि वैध आवेदनों को स्वीकारें और तारीख के साथ उसकी प्राप्ति रसीद आवेदक को दें (अनुसूची II, अनुच्छेद 10)। आवेदन कम से कम चौदह दिनों के लगातार काम के लिए होना चाहिए (अनुसूची II, अनुच्छेद 7)।

कानून में सामूहिक आवेदनों, अग्रिम आवेदनों, समय-समय पर एक से अधिक आवेदनों का भी प्रावधान है (अनुसूची II, अनुच्छेद 10,18 तथा 19)। कानून के अनुसार उन्हें कब और कहां काम के लिए हाजिर होना है यह सूचना आवेदकों को पत्र द्वारा और साथ ही ग्राम पंचायत तथा कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालयों के सूचनापट्ट पर सार्वजनिक नोटिस लगा कर दी जाएगी ( अनुसूची II, अनुच्छेद 11 तथा 22)। धयान रहे कि पंजीकरण की इकाइ ‘परिवार’ है, जबकि काम के आवेदन व्यक्ति के नाम से दिए जाएंगे।

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