उत्तर
जी हां। कार्यस्थल पर निम्नलिखित सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए: सुरक्षित पेयजल, बच्चों के लिए छाया, आराम करने का समय, छोटी-मोटी दुर्घटनाओं और काम से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के लिए सामग्री समेत प्राथमिक उपचार का डब्बा (फर्स्ट एड बाक्स)। वैसे तो यह भी नाकाफी है पर अक्सर कार्यस्थलों पर इतनी भी सुविधा नहीं मिल पाती। अत: यह जरूरी है कि कम से कम इतने की व्यवस्था करने पर जोर दिया जाए।
उत्तर
जहां तक संभव हो आवेदक के निवास स्थान से अधिकतम 5 कि. मी. की दूरी पर ही काम उपलब्ध करवाया जाएगा। अगर काम इस परिधि के बाहर उपलब्ध करवाया जाता है तो, वह उसी खण्ड में करवाया जाएगा और ऐसी स्थिति में मजदूरों को यातायात व गुजारे भत्ते के रूप में दैनिक भुगतान दर की 10 प्रतिशत राशि भी अतिरिक्त देय होगी।
उत्तर
अगर कोई मजदूर रोजगार गारंटी योजना के ‘काम से उपजी या काम के दौरान दुर्घटना से’ घायल होता/होती है तो उसे योजना के तहत स्वीकृत नि:शुल्क चिकित्सा-उपचार का हक होगा। अगर उसे अस्पताल में दाखिल होना पड़ता है तो उसे अस्पताल में रहने, उपचार, दवाओं का खर्च और दैनिक भत्ता पाने का हक होगा। यह दैनिक भत्ता उसकी ‘मजदूरी दर से कम से कम आधा होगा।’ ऐसे ही प्रावधान उन बच्चों के लिए भी हैं जो उनके साथ कार्यस्थल पर आते हैं। दुर्घटनावश मृत्यु या स्थाई विकलांगता की सूरत में उसके परिवार को या उसे रु. 25,000 या केंद्र सरकार द्वारा घोषित राशि देय होगी।
उत्तर
नहीं। उन्हें वही काम करना होगा जो उन्हें ग्राम पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी सौंपती/सौंपता है। वे अधिक से अधिक ग्राम सभा या अन्य माध्यमों से काम की योजना बनाने की प्रकिया में भागीदारी कर सकेंगे।
जी हां। कार्यस्थल पर निम्नलिखित सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए: सुरक्षित पेयजल, बच्चों के लिए छाया, आराम करने का समय, छोटी-मोटी दुर्घटनाओं और काम से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के लिए सामग्री समेत प्राथमिक उपचार का डब्बा (फर्स्ट एड बाक्स)। वैसे तो यह भी नाकाफी है पर अक्सर कार्यस्थलों पर इतनी भी सुविधा नहीं मिल पाती। अत: यह जरूरी है कि कम से कम इतने की व्यवस्था करने पर जोर दिया जाए।
प्रश्न - काम कहां उपलब्ध करवाया जाएगा?
उत्तर
जहां तक संभव हो आवेदक के निवास स्थान से अधिकतम 5 कि. मी. की दूरी पर ही काम उपलब्ध करवाया जाएगा। अगर काम इस परिधि के बाहर उपलब्ध करवाया जाता है तो, वह उसी खण्ड में करवाया जाएगा और ऐसी स्थिति में मजदूरों को यातायात व गुजारे भत्ते के रूप में दैनिक भुगतान दर की 10 प्रतिशत राशि भी अतिरिक्त देय होगी।
प्रश्न - अगर रोजगार गारंटी योजना के कार्यस्थल पर कोई दुर्घटना हो जाए तो क्या होगा?
उत्तर
अगर कोई मजदूर रोजगार गारंटी योजना के ‘काम से उपजी या काम के दौरान दुर्घटना से’ घायल होता/होती है तो उसे योजना के तहत स्वीकृत नि:शुल्क चिकित्सा-उपचार का हक होगा। अगर उसे अस्पताल में दाखिल होना पड़ता है तो उसे अस्पताल में रहने, उपचार, दवाओं का खर्च और दैनिक भत्ता पाने का हक होगा। यह दैनिक भत्ता उसकी ‘मजदूरी दर से कम से कम आधा होगा।’ ऐसे ही प्रावधान उन बच्चों के लिए भी हैं जो उनके साथ कार्यस्थल पर आते हैं। दुर्घटनावश मृत्यु या स्थाई विकलांगता की सूरत में उसके परिवार को या उसे रु. 25,000 या केंद्र सरकार द्वारा घोषित राशि देय होगी।
क्या मजदूरों को अपनी मर्जी का काम चुनने की छूट होगी?
उत्तर
नहीं। उन्हें वही काम करना होगा जो उन्हें ग्राम पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी सौंपती/सौंपता है। वे अधिक से अधिक ग्राम सभा या अन्य माध्यमों से काम की योजना बनाने की प्रकिया में भागीदारी कर सकेंगे।
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