उत्तर -
कानून के अनुसार परिवार वह इकाई है जिसके सदस्य एक दूसरे से खून के रिश्ते से, विवाह के रिश्ते से या गोद लेने के रिश्ते से एक दूसरे से संबंधित हैं और सामान्य रूप से एक साथ रहते, साथ-साथ खाते हों या जिनका ‘राशन कार्ड’ एक हो। इस परिभाषा में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ‘संयुक्त परिवार’ के सभी सदस्य जो साथ रहते हों और जिनका राशन कार्ड साझा हो, उनकी संख्या काफी अधिक भी हो सकती है। फिर भी उन्हें एक ही परिवार माना जाएगा। यह बड़े परिवारों के प्रति अन्याय है क्योंकि उन्हें भी केवल 100 दिनों के काम का हक होगा, जो किसी छोटे परिवार को भी है फिर चाहे उनकी जरूरतें कहीं ज्यादा ही क्यों न हो। आदर्श स्थिति तो वह हो जहां प्रत्येक एकल परिवार (पति, पत्नी और उनके बच्चे) को एक अलग परिवार माना जाए।
कानून के अनुसार परिवार वह इकाई है जिसके सदस्य एक दूसरे से खून के रिश्ते से, विवाह के रिश्ते से या गोद लेने के रिश्ते से एक दूसरे से संबंधित हैं और सामान्य रूप से एक साथ रहते, साथ-साथ खाते हों या जिनका ‘राशन कार्ड’ एक हो। इस परिभाषा में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ‘संयुक्त परिवार’ के सभी सदस्य जो साथ रहते हों और जिनका राशन कार्ड साझा हो, उनकी संख्या काफी अधिक भी हो सकती है। फिर भी उन्हें एक ही परिवार माना जाएगा। यह बड़े परिवारों के प्रति अन्याय है क्योंकि उन्हें भी केवल 100 दिनों के काम का हक होगा, जो किसी छोटे परिवार को भी है फिर चाहे उनकी जरूरतें कहीं ज्यादा ही क्यों न हो। आदर्श स्थिति तो वह हो जहां प्रत्येक एकल परिवार (पति, पत्नी और उनके बच्चे) को एक अलग परिवार माना जाए।
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