प्रदूषण से प्रवासी पक्षियों ने भी तोड़ लिया है ग्रेनो से नाता


दिन ब दिन बढ़ती गर्मी के कारण अब इस तालाब का पानी सूखने लगा है। जाहिर है कि आने वाले दिनों गर्मी और भी बढ़ेगी। ऐसे में यहाँ पानी की कमी के चलते बचे खुचे पक्षियों तथा जीवों को भी जान का खतरा बन चुका है। ग्रेटर नोएडा। सोमवार से एक तरफ जहाँ इंडिया वाटर वीक का आगाज हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ शहर के आस-पास के कस्बों तथा गाँवों के तालाबों से किसी को सरोकार नहीं है। प्रशासन की अनदेखी के चलते ये तालाब अब विलुप्त होने के कगार पर हैं, जहाँ एक ओर अतिक्रमण के चलते तालाबों में पानी का अकाल पड़ चुका है, वहीं दूसरी ओर बचे-खुचे तालाबों का पानी प्रदूषित हो चुका है, जिस कारण यहाँ पर विभिन्न प्रजाति की पक्षियों की संख्या लगातार कम हो रही है। पानी की कमी के ही चलते ग्रेटर नोएडा में पाये जाने वाले काले हिरणों की आबादी भी कम हो रही है। आस-पास बढ़ते प्रदूषण के चलते प्रवासी पक्षियों ने भी जिले के तालाबों से नाता तोड़ लिया है।

गौरतलब है कि जनपद में तालाबों के बाहरी हिस्सों में बिल्डर्स को प्रोजेक्ट दिये जा रहे हैं। जिनके निर्माण कार्यों से तालाबों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिल्डर यहाँ पर भूमिगत जल का अति दोहन कर रहे हैं। जिसके चलते तालाबों का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जबकि पूर्व में इन तालाबों के आस-पास रहने वाले गाँवों में जलस्तर बेहद अच्छा था।

बताते चलें कि दादरी के बील अकबरपुर तालाब के बहुत बड़े इलाके पर अंसल और शिवनाडर द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अंसल बिल्डर्स ने यहाँ पर अपना हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाया है और यहीं पर शिवनाडर युनिवर्सिटी बनाई जा रही है। जिस कारण यहाँ का आर्दक्षेत्र अब केवल दो से तीन एकड़ तक सीमित रह गया है। स्थानीय जानकारों का कहना है कि यहाँ पर पहले सौ से ज्यादा काले हिरण थे, प्रवासी पक्षियों की भी तीन सौ से अधिक नस्लें यहाँ हर साल आया करती थी परन्तु अब पक्षियों ने भी यहाँ से नाता तोड़ लिया है।

सूरजपुर कस्बे का तालाब भी एक दशक पहले तक काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ था, जिसे अब सीमित कर दिया गया है। इस तालाब के बाहर की नम जमीन को एक बिल्डर को दे दिया गया है। बिल्डर यहाँ से लगातार पानी निकाल रहा है जिस कारण तालाब का जल स्तर बेहद नीचे आ चुका है, जबकि कुछ समय पूर्व तक इस तालाब में आस-पास के सत्ताइस गाँवों का बरसाती पानी बहकर आता था, लेकिन अब तालाब के चारों ओर मिट्टी डाल दी गई है। जिस कारण अब इसमें आस-पास के गाँवों का पानी नहीं आ पाता है।

उधर, दिन ब दिन बढ़ती गर्मी के कारण अब इस तालाब का पानी सूखने लगा है। जाहिर है कि आने वाले दिनों गर्मी और भी बढ़ेगी। ऐसे में यहाँ पानी की कमी के चलते बचे खुचे पक्षियों तथा जीवों को भी जान का खतरा बन चुका है।

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