प्रदेश की नदियों को जोडऩे की योजना का खाका तैयार

सीएम की मंजूरी का इंतजार, योजना की प्रगति पर निगरानी के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित


जल संसाधन विभाग ने प्रदेश की सभी बड़ी और छोटी नदियों को जोडऩे की योजना का खाका तैयार कर लिया है। इस योजना को जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा। योजना की प्रगति पर निगाह रखने के लिए जयपुर स्थित सिंचाई भवन में एक विशेष प्रकोष्ठ भी तैयार कर लिया गया है। इस योजना का मुख्य मकसद प्रदेश के जल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना और बरसात के दिनों में बहने वाले अतिरिक्त पानी का समुचित भंडारण करना है, ताकि प्रदेश के लोगों की कृषि व पीने के पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

जल संसाधन विभाग ने प्रदेश की सभी बड़ी और छोटी नदियों को जोडऩे की योजना का खाका तैयार कर लिया है। जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा।

पार्वती परियोजना


पार्वती नदी पर बने बांध के अतिरिक्त पानी को रामसागर, उर्मिला सागर व तालाब शाह बांधों में ले जाया जाएगा। इसके लिए बांध पर तीन पंप लगाकर पानी को 45 मीटर तक लिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद यह पानी अपने आप बहता हुआ इन तीनों बांधों में पहुंच जाएगा।

कितना पानी मिलेगा : सालभर में 1.4 करोड़ घन मीटर अतिरिक्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।

बनास परियोजना


माही की सहायक नदी बनास का पानी माही के आनंदपुरी व अर्थूना बांध में लाने की योजना है। यहां से इस पानी को 62 किलोमीटर दूर स्थित जाखम बांध में ले जाया जाएगा। जाखम बांध से इस पानी को 75 किलोमीटर के सिस्टम से उदयपुर में स्थित जयसमंद तक ले जाने की योजना है।

कितना पानी मिलेगा : जयसमंद में सालाना 15 करोड़ घन फुट पानी अतिरिक्त उपलब्ध हो सकेगा।

बैथली परियोजना


पार्वती नदी पर छबड़ा के पास कुराई गांव में एक नया बांध बनाने की योजना है। इस बांध से रोजाना 250 घन मीटर पानी बैथली बांध में पहुंचाया जा सकेगा। इसके लिए किमी लंबी सुरंग समेत कुल मिलाकर 4.75 किमी लंबाई का सिस्टम तैयार किया जाएगा।

कितना पानी मिलेगा : बैथली बांध को साल भर में 13,966 घन फुट पानी मिल सकेगा।

साबरमती योजना


साबरमती बेसिन से बरसात में मिलने वाले अतिरिक्त पानी को नया बांध बनाकर एकत्र किया जाएगा। इस पानी को यहां से 74 किमी लंबाई का एक सिस्टम तैयार कर जाखम बांध में ले जाया जाएगा। जहां से इस पानी को पाली व सिरोही की पेयजल जरूरतों में इस्तेमाल किया जाएगा।

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Post By: pankajbagwan
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