छोटे छोटे विवाद कितने विनाशकारी रूप अख्तियार कर सकते हैं उसका अंदाज इस घटना से लगाया जा सकता है। राजस्थान के भरतपुर जिले में पोखर पर कब्जे के एक विवाद ने इतना वीभत्स रूप से लिया कि दर्जनभर लाशों का ढेर लग गया। पोखर का पानी तो ठहरा रह गया लेकिन गांव में खून की नदी बह निकली। राजस्थान के भरतपुर जिले के गोपालगढ़ गांव में बुधवार को हुए दंगे के बाद अब इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। बृहस्पतिवार को दिल्ली से आई एक टीम ने गोपालगंज समेत आसपास के गांव का जायजा लेने के बाद आरोप लगाया है कि एक विशेष समुदाय के लोगों को पुलिस फायरिंग में निशाना बनाया गया है।
दिल्ली अनहद संस्था की शबनम हाशमी के अनुसार, जब उनकी टीम राजस्थान में प्रवेश की तो उसी वक्त उन्हें रोक दिया गया लेकिन काफी बहस के बाद जब वे गांव में प्रवेश की तो स्थिति काफी दर्दनाक और वीभत्स थी। चारों ओर खून ही खून फैला हुआ था। दीवारों पर गोली के निशान थे। गांव स्थित ईदगाह के कुएं में दो लाशें तैर रही थीं। इसके अलावा चारों ओर धुंआ ही धुंआ फैला हुआ था। अनहद ने तुरंत पूरे घटनाक्रम की सीबीआई से जांच करवाने के साथ ही पुलिस अधीक्षक, डीवाईएसपी और सीओ को सस्पेंड करने, कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाने समेत कई मांगे रखी हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को पोखर की एक जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच पहले विवाद फिर गोलीबारी शुरू हो गई। बाद में पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी। इस घटना में अब तक सात लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कम से कम एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं।
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