दिल्ली में स्मॉग के कहर के बाद अब पंजाब प्रदूषण को लेकर गम्भीर नजर आ रहा है। पंजाब सरकार ने लम्बे समय बाद एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम के सेंटर में विस्तार करने का फैसला किया है। इसके लिये जालंधर, खन्ना व पटियाला को चुना गया है। पिछले दो माह में प्रदूषण को लेकर चल रहे हो-हल्ले और पंजाब में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने राज्य के एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम में विस्तार करने का फैसला किया है। अभी तक मंडी गोबिंदगढ़, अमृतसर और लुधियाना में ही एमबिनेट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित है। जिससे इन तीनों जगहों की सटीक जानकारी प्राप्त हो पाती है।
प्रदूषण को लेकर लगातार हो रहे हंगामे को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन की संख्या 8 करने का फैसला किया है। बोर्ड दो चरणों में पाँच स्टेशन स्थापित करने जा रहा है। पहले चरण में जहाँ जालंधर, खन्ना और पटियाला में स्टेशन स्थापित किया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में बठिंडा और रोपड़ में स्टेशन स्थापित किया जाएगा।
क्या होंगे फायदे : पीपीसीबी के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू का कहना है कि वायु प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरुकता आई है। प्रदूषण में बढ़ोत्तरी भी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण मॉनीटरिंग स्टेशन के स्थापित होने से तीन अन्य जिलों के वायु प्रदूषण की सटीक जानकारी तुरन्त मिल सकेगी, जबकि अभी तक यह रिपोर्ट आने में देर लगती है।
70 लाख की होगी मशीन : एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग मशीन की कीमत करीब 70 लाख रुपये है। यानी तीन स्टेशन पर सरकार करीब 2.10 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बोर्ड का टारगेट है कि इसी साल के अन्त तक ये मशीनें अपना काम शुरू कर दें।
1. एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग को जालंधर खन्ना व पटियाला में भी बनेंगे स्टेशन
2. राज्य सरकार दो चरणों में स्थापित कराएगी आठ स्टेशन
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