तरकश ब्यूरो/ कनाडा की एक रिसर्च टीम के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में उपलब्ध पानी दिमाग के लिए खतरनाक होता है. प्लास्टिक के कंटेनर बनाने के उपयोग मे लिया जाने वाला बाइसफेनोल ए दिमाग के कार्यकलापों को प्रभावित कर सकता है और इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति को छीण करता है.
कनाडा की ग्वेल्फ विश्वविद्यालय की संशोधकों ने अपनी रपट में बताया कि बीपीए का उपयोग प्लास्टिक की बोतलों, बेबीफूड की बोतलों को बनाने में किया जाता है. यह पदार्थ दिमाग के लिए हानिकारक है और इसके सेवन से आगे चलकर अल्ज़ाइमर्स जैसी बिमारी भी हो सकती है.
बीपीए नामक रसायण पेट मे जाने के बाद धमनियों द्वारा दिमाग तक पहुँचता है और संचार प्रणाली और न्यूरोंस पर विपरित असर पैदा करता है. इससे इंसान की सोचने और समझने की शक्ति बाधित होती है.
इस अभ्यास के लिए वैज्ञानिकों ने अफ्रीका के ग्रीन बंदरों पर परीक्षण किया और उन्हे बीपीए का नियमित डोज दिया. बाद में जाँच करने पर पता चला कि जिन बंदरों को बीपीए का डोज दिया गया था, उनमें सोचने की क्षमता कम हो गई थी. वैज्ञानिकों का मत है कि इस तरह के बोतलबंद पानी का सेवन कम से कम करना चाहिए.
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