पलामू : जल संकट के सामने बाकी मुद्दे पीछे

घनी-धनी राजा मेदनियां, घर-घर बाजे मथनियां। राजा मेदिनी राय के शासन में पलामू की समृद्धि का बखान करने वाली यह कहावत यहां आज भी प्रचलित है। तब यहां दूध-दही इतना होता था कि हर घर से मथानी चलने की आवाज सुनाई पड़ती थी। लेकिन बीते दिनों की ये बातें इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई हैं और आज पूरा पलामू प्रमंडल गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। 

यहां की नदियां सूखी पड़ी हैं। खेत-टांड़ बंजर पड़े हैं। शहरी इलाकों में लोग खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं। लोकसभा चुनाव के घमासान में जल संकट दूर करने की पलामूवासियों की मांग सबसे मुखर मुद्दा है। गांव हो या शहर, हर मतदाता यही चाहता है कि वही प्रत्याशी चुना जाए जो यहां का जल संकट दूर करने की गारंटी करे। उनका मानना है कि जब तक यहां की जमीन की प्यास नहीं बुझेगी तब तक पलामू की बेचैनी खत्म नहीं होगी। .

जल-संकट से मचे हाहाकार के बीच यहां राष्ट्रवाद और राफेल जैसे मुद्दे नेपथ्य में चले गए हैं। वोट मांगने वाले हरेक नेता से यहां के मतदाता पानी की गारंटी मांग रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि इस गंभीर संकट से उबरने के लिए पलामू को और कितना इंतजार करना होगा। .

पानी पर जनता के सवाल
पलामू से भाजपा प्रत्याशी विष्णुदयाल ने 2014 में सांसद बनने के बाद क्षेत्र के लिए कई काम किए, जिनकी लोग प्रशंसा करते हैं। लेकिन विकास कार्यों को लेकर कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा के कारण उन्हें लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। महागठबंधन के उम्मीदवार घुरन राम भी यहां के सांसद रह चुके हैं। लोग दोनों उम्मीदवारों से जल-संकट का समाधान करने की मांग रख रहे हैं। चैनपुर की नवाडीह पंचायत के किसान डी.एन. सिंह ने कहा, ‘हमारे यहां की सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी है। पानी चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है।' रमकंडा के उमेश प्रसाद गुप्ता भी कहते हैं, ‘पलामू को पानी मिल जाए तो किसान खुशहाल हो जाएंगे। सरकार और सांसद पलामू को पानी दिलाने का काम करें।' .


आदर्श ग्राम किशुनपुर (छतरपुर) के भोला ठाकुर कहते हैं कि सांसद ने यहां काम तो किया है। जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है। लेकिन पानी कब मिलेगा, यह पता नहीं है। यहीं के हरेंद्र उपाध्याय, विभूति और अरूप कहते हैं कि अमानत नदी से निकलनेवाली नहर पूरी हो जाए तो क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। जल संचय का इंतजाम करना जरूरी है। .
बुद्धिजीवी गोकुल बसंत कहते हैं, ‘पलामू में सिंचाई की जो व्यवस्था आजादी के पहले थी, आज भी वही स्थिति है। अरबों रुपए खर्च हो गए, पर स्थिति नहीं बदली। डाल्टनगंज शहर हर गर्मी में गंभीर पेयजल संकट से जूझता है। जल संकट की समस्या के निराकरण के लिए कोई स्थाई और कारगर पहल नहीं हुई है।'.

यही कारण है कि यहां पानी के गंभीर जल संकट के सामने राष्ट्रवाद और राफेल जैसे मुद्दे नादारद दिख रहे हैं। मतदाताओं का मिजाज खंगालते के लिए शुरू की गई कोई भी बातचीत पानी के मुद्दे पर जाकर ही रुक जाती है, जिसके समाधान के लिए यहां के लोग सरकार की आस लगाए बैठे हैं। .

भाजपा और महागठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई
पलामू में कुदरती तापमान बढ़ने के साथ-साथ चुनावी पारा भी चढ़ चुका है। प्रमंडल के दो जिलों, पलामू और गढ़वा के छह विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सक्रियता चरम पर पहुंच चुकी है। यहां भाजपा और महागठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई नजर आ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पलामू क्षेत्र से वी.डी. राम (विष्णुदयाल राम) को अपना प्रत्याशी बनाया था। झारखंड पुलिस में महानिदेशक पद से रिटायर हुए विष्णुदयाल अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और राजद उम्मीदवार मनोज कुमार को लगभग ढाई लाख वोटों से हराकर संसद पहुंचे थे। झारखंड विकास मोर्चा के घुरन राम तीसरे स्थान पर रहे थे। .

इस बार चुनावी परिदृश्य बदल चुका है। मनोज राजद छोड़ चुके हैं। जबकि घुरन झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) छोड़कर राजद में वापस आ चुके हैं और महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। वह एक बार पलामू के सांसद रह चुके हैं। महागठबंधन के कारण उन्हें इस बार कांग्रेस, झामुमो और झाविमो का साथ मिल रहा है। उनका मुकाबला विष्णुदयाल से है जिन्हें भाजपा ने इस बार भी अपना प्रत्याशी बनाया है। सीधे तौर पर कुछ कहना आसान नहीं है। वजह यह कि मतदाता पूरी तरह किसी भी एक पार्टी का नाम लेने से बच रहे हैं।

भाजपा को भितरघात का ख़तरा
पलामू संसदीय क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा के विधायक हैं। पलामू के सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज है कि भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी को भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी विष्णुदयाल राम को भवनाथपुर विधानसभा सीट पर काबिज नौजवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानुप्रताप शाही का साथ मिल रहा है। राजद छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले गिरिनाथ सिंह भी विष्णुदयाल के लिए काम कर रहे हैं। यहां पर हुसैनाबाद विधानसभा सीट से बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता विधायक हैं, जिनकी पार्टी ने पलामू लोकसभा क्षेत्र से अनजाना भुइयां को चुनाव मैदान में उतारा है।.

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